अगरतला, 22 जून: अंबुबाची के अवसर पर आज त्रिपुरा के राजधानी शहर अगरतला के लक्ष्मीनारायण मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ देखी गई। परिवार और समाज की खुशहाली के लिए महिलाएं सिन्दूर देकर खेलती हुई नजर आई।
संयोगवश, अंबुबाची शब्द दो शब्दों अंबु और बाची से मिलकर बना है। अम्बु का अर्थ है पानी और बाची का अर्थ है बसंत। शास्त्रों के अनुसार अंबुबाची का अर्थ है महिलाओं की ताकत और उनकी बच्चे पैदा करने की क्षमता को दर्शाता है। हर साल जून में अंबुबाची के अवसर पर लाखों लोग मां कामाख्या के मंदिर में आते हैं। विदेश से संत आते हैं। चार दिनों तक भक्त देशभर के अलग-अलग मंदिरों में पूजा-अर्चना करते हैं। खासतौर पर महिलाएं पति, बच्चों और परिवार की खुशहाली के लिए पूजा करती हैं।
अगरतला के लक्ष्मीनारायण मंदिर में इन चार दिनों में भक्तों की भीड़ लगी रहती है। पति के सौभाग्य के लिए लक्ष्मीनारायण के घर में चार दिनों तक पूजा की जाती है और महिलाएं सिन्दूर खेलने में शामिल होती हैं।