माता के जयकारों के बीच कामाख्या धाम में अंबुवासी मेला का शुभारंभ

गुवाहाटी, 22 जून (हि.स.)। असम की राजधानी गुवाहाटी के नीलांचल पहाड़ पर स्थित शक्ति पीठ कामाख्या धाम में शनिवार की सुबह से अम्बुवासी मेला शुरू हो गया है। कामाख्या धाम में अंबुबासी मेला प्रमुख त्योहार माना जाता है। इस उत्सव के मद्देनजर नीलांचल पहाड़ आखर्षक रोशनी से जगमग कर रहा है। माता रानी के मंदिर को सुंदर तरीके से सजाया गया है।

शनिवार शाम 6.30 बजे पांडू पोर्ट पर मेला का उद्घाटन राज्य के पर्यटन मंत्री जयंत मल्लबरुवा ने किया। इस मौके पर कामरूप (मेट्रो) जिला के आयुक्त सुमित सत्तावन, मेयर मृगेन शरणिया, कामाख्या मंदिर के बर दोलोई कवींद्र प्रसाद शर्मा, सरू दोलोई हिमाद्री शर्मा, पर्यटन विभाग के वरिष्ठ उच्च अधिकारी, पर्यटन विभाग के अध्यक्ष रितुपर्णा बरुवा के साथ अनेक गण्यमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। मेला उद्घाटन पर भास्वती भारती द्वरा कामाख्या वंदना किया गया।

22 से 26 जून तक प्रत्येक वर्ष कामाख्या धाम में अंबुबासी मेला का आयोजन किया जाता है। कामाख्या धाम देवालय संचालन समिति ने बताया है कि शनिवार की सुबह 8 बजकर 43 मिनिट 39 सेकेंड पर अबुबासी की प्रवृत्ति शुरू हुई हैं और 23, 24, 25 जून तक मंदिर का कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेगा। वहीं 26 जून की सुबह देवी स्नान और नित्य पूजा समापन के बाद भक्तों के लिए मंदिर का कपाट खोल दिया जाएगा।

इस बार मंदिर की स्वच्छता एवं सुरक्षा पर ज्यादा ध्यान दिया गया है। इसके लिए कामाख्या देवालय संचालन समिति, कामरूप (मेट्रो) जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, यातायात विभाग विशेष रूप से तत्पर हैं। मंदिर के आसपास के इलाके में 400 सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है। सुरक्षा कर्मी, स्काउट एंड गाइड, स्वयंसवक आदि मौजूद रहेंगे।

उल्लेखनीय है कि अंबुबासी एक ऋतु कालीन उत्सव है। पूरे देश से श्रद्धालु इस समय कामाख्या धाम में पहुंच रहे हैं। मान्यता है कि इस समय साधना से सिद्धि का लाभ होता है। शनिवार को उद्घाटन शिविर के अवसर पर मां कामाख्या पर एक तथ्य चित्र का भी उद्घाटन किया गया। अस्थाई शिविर में करीब 10 -12 हज़ार से ज्यादा भक्तों की रहने की व्यवस्था की गयी है। पड़ोसी राज्यों से श्रद्धालु गुवाहाटी पहुंच रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि कामाख्या मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है। पुराणों के अनुसार माता सती के शव के विभिन्न अंगों से 51 शक्तिपीठों का निर्माण हुआ है। देवी कामाख्या का मंदिर जहां पर स्थित है वह माता सती की योनि का भाग गिरा था। कामाख्या धाम में अंबुबासी मेला माता के रजस्वला के अवसर पर आयोजित किया जाता है।

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