कंचनजंघा रेल दुर्घटना की प्रारंभिक जांच में मालगाड़ी चालक दल को दोषी ठहराया गया

कोलकाता, 19 जून (हि.स.)। हाल ही में हुई कंचनजंघा एक्सप्रेस दुर्घटना की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि न्यू जलपाईगुड़ी रेल डिवीजन के परिचालन विभाग और यात्री ट्रेन से टकराने वाली मालगाड़ी के चालक दल की चूक थी। पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में सोमवार को कंचनजंघा एक्सप्रेस की मालगाड़ी से टक्कर में यात्री ट्रेन के गार्ड और मालगाड़ी के चालक सहित कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई।

रेलवे अधिकारी ने बताया कि यह टक्कर न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन से 30 किलोमीटर दूर रंगापानी स्टेशन के पास हुई। मालगाड़ी के इंजन की टक्कर के कारण कंचनजंघा एक्सप्रेस के चार पिछले डिब्बे पटरी से उतर गए। दुर्घटना के तुरंत बाद रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष जया वर्मा सिन्हा ने दुर्घटना का कारण बताया था कि मालगाड़ी ने सिग्नल की अनदेखी की थी।

रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) ने दुर्घटना के कारणों की जांच शुरू कर दी है। रेलवे ने छह वरिष्ठ अधिकारियों की एक जांच टीम भी गठित की है, जिन्होंने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट दाखिल की है। जांच रिपोर्ट में पांच अधिकारियों ने मालगाड़ी चालक पर सिग्नल और गति प्रतिबंध का उल्लंघन करने की बात कही है, जबकि एक ने असहमति जताते हुए कहा है कि न्यू जलपाईगुड़ी रेल डिवीजन का परिचालन विभाग रानीपात्रा (आरएनआई) और छत्तर हाट जंक्शन (सीएटी) के बीच मार्ग की सुरक्षा के लिए पर्याप्त उपाय करने में विफल रहा।

एनजेपी डिवीजन के मुख्य लोको इंस्पेक्टर (सीएलआई) ने अपने असहमति नोट में कहा कि 17 जून को सुबह 5:50 बजे से स्वचालित और अर्ध-स्वचालित सिग्नल काम नहीं कर रहे थे। अधिकारी ने रेलवे नियमों का हवाला देते हुए आगे कहा कि ऐसी स्थिति में पूरे सेक्शन (आरएनआई और कैट के बीच का मार्ग) को एब्सोल्यूट ब्लॉक सिस्टम (आरएनआई और कैट के बीच एक समय में केवल एक ट्रेन को अनुमति देने की प्रणाली) में परिवर्तित किया जाना चाहिए था। दुर्घटना से पहले के बारे में विवरण देते हुए जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि कंचनजंघा एक्सप्रेस 17 जून को सुबह 8:27 बजे रानीपतरा स्टेशन से दो प्राधिकरण पत्रों ”टी/ए 912 और टी369 (3बी) के साथ रवाना हुई थी।

न्यू जलपाईगुड़ी के एक रेलवे सूत्र ने बताया, “टी/ए 912 ने ड्राइवर को सभी लाल सिग्नल पार करने की अनुमति दी और इसमें किसी भी गति का उल्लेख नहीं किया गया। दूसरी ओर, टी369 (3बी) में उल्लेख किया गया था कि ड्राइवर आरएनआई स्टेशन से निकलने के तुरंत बाद 15 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से दो सिग्नल पार करेगा।” जांच रिपोर्ट के अनुसार वही दो प्राधिकरण पत्र उस मालगाड़ी को भी जारी किए गए थे जो सुबह 8:42 बजे रानीपतरा स्टेशन से रवाना हुई थी।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि कंचनजंघा एक्सप्रेस एक दोषपूर्ण सिग्नल पर प्रतीक्षा कर रही थी, जब मालगाड़ी ने पीछे से उसे टक्कर मार दी। जांच अधिकारियों ने कहा कि दुर्घटना में यात्री ट्रेन के पांच डिब्बे और मालगाड़ी के ग्यारह वैगन प्रभावित हुए। उन्होंने कहा कि उन्हें यात्री ट्रेन के सामान्य डिब्बे में दो शव फंसे हुए मिले और उन्हें डिब्बे का हिस्सा काटकर बाहर निकाला गया। जांच रिपोर्ट में यह उल्लेख नहीं किया गया है कि दुर्घटना के समय मालगाड़ी किस गति से चल रही थी। अब रेलवे सुरक्षा आयुक्त विस्तृत जांच कर रहे हैं।

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