एनएचआरसी ने दो श्रमिकों की मौत पर हरियाणा को जारी किया नोटिस

नई दिल्ली, 20 जून (हि.स.)। राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने 13 जून की मीडिया रिपोर्ट का स्वतः संज्ञान लिया है, जिसमें बताया गया है कि हरियाणा के सोनीपत जिले के बाजिदपुर सबोली गांव के पास एक निजी पैकेजिंग फैक्टरी में सेप्टिक टैंक की सफाई करते समय जहरीली गैस के संपर्क में आने से दो भाइयों की मौत हो गई।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि उनका तीसरा साथी जो उसी गांव का था, इस दुर्घटना में बच गया है। पुलिस अधिकारियों ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और फैक्टरी मालिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है।

आयोग ने पाया है कि यदि समाचार रिपोर्ट की सामग्री सत्य है, तो यह मानव अधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मुद्दा है। घटना में फैक्टरी मालिक और स्थानीय अधिकारियों द्वारा बरती गयी लापरवाही स्पष्ट है, क्योंकि कथित तौर पर, सेप्टिक टैंक की सफाई करते समय श्रमिकों को कोई सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं कराए गए थे। ऐसी घटनाएं तब हो रही हैं, जब आयोग मैन्युअल रूप से किये जाने वाले जोखिम भरे सफाई कार्य को समाप्त करने और मशीनों का उपयोग करने तथा श्रमिकों को सुरक्षा उपकरण प्रदान करने के लिए 24.9.2021 को जारी अपनी परामर्शी और सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों के कार्यान्वयन को नियमित रूप से दोहराता रहा है।

आयोग ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक, हरियाणा को नोटिस जारी कर मामले में एक सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है, जिसमें मामले में दर्ज एफआईआर, दोषी व्यक्तियों के खिलाफ की गई कार्रवाई के साथ-साथ अधिकारियों द्वारा मृतक श्रमिकों के परिजनों को प्रदान की गई राहत और पुनर्वास की स्थिति शामिल है।

नोटिस जारी करते हुए, आयोग द्वारा संबंधित प्राधिकारियों के संज्ञान में इस बात को भी लाया है कि मैनुअल स्कैवेंजिंग या जोखिमभरे सफाई कार्य में लगे व्यक्तियों के मानव अधिकारों के संरक्षण पर आधारित परामर्शी में उल्लेख है कि जोखिम भरे सफाई कार्य करते समय किसी भी सफाई कर्मचारी की मृत्यु के मामले में, स्थानीय प्राधिकारी और ठेकेदार अथवा नियोक्ता को संयुक्त रूप से और अलग-अलग जिम्मेदार और जवाबदेह ठहराया जाएगा, भले ही सफाई कर्मचारी की नियुक्ति व कार्य पर रखना किसी भी प्रकार से किया गया हो।

इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट द्वारा डॉ. बलराम सिंह बनाम भारत संघ (डब्ल्यूपी (सी) संख्या 324/2020) दिनांक 20.10.2023 को दिए गए निर्णय में स्पष्ट आदेश दिया गया है कि स्थानीय अधिकारियों और अन्य एजेंसियों का यह कर्तव्य है कि वे सीवर आदि की सफाई के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *