ग्वालियर में तीन मंजिला मकान में आग लगी, पिता और दो बेटियां जिंदा जले

ग्वालियर, 20 जून (हि.स)। मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर के बहोड़पुर थाना क्षेत्र अंतर्गत कैलाशनगर में बुधवार रात एक तीन मंजिला मकान में आग लग गई। इस हादसे में मकान में रहने वाले एक व्यक्ति और उनकी दो बेटियों की जिंदा जलने से मौत हो गई। सूचना मिलने पर पुलिस और फायर ब्रिगेड के अधिकारी पहुंचे। एसडीआरएफ और एयरफोर्स को भी मदद के लिए मौके पर बुलाया गया। इसके बाद मौके पर एक के बाद एक फायर ब्रिगेड की 13 गाड़ियां पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। घटना रात दो से तीन बजे के बीच हुई। आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट बताई जा रही है।

बताया गया है कि बहोड़ापुर थाना इलाके के कैलाशनगर में विजय उर्फ बंटी अग्रवाल का तीन मंजिला मकान है, जिसमें इमारत में ग्राउंड फ्लोर पर ड्राय फ्रूट्स की दुकान, दूसरी मंजिल पर गोदाम है और तीसरी मंजिल पर वह परिवार के साथ रहते थे। विजय की पत्नी राधिका, बेटे अंश के साथ ससुराल मुरैना गई हुई थीं। घर पर विजय, उनकी दो बेटियां आएशा उर्फ मिनी (15) और यशिका उर्फ यीशू (14) ही थे। बुधवार की रात तीनों खाना खाकर सो गए। देर रात अचानक मकान में आग लग गई। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप ले लिया और तेज लपटें उठने लगीं। मकान से बाहर निकलने का एकमात्र रास्ता नीचे से है। यहां आग फैली हुई थी। दूसरा रास्ता मकान के पिछले हिस्से से है, लेकिन वहां उन्होंने अलमारी रखी हुई थी, जिसकी वजह पिता और दोनों बेटियां आग में घिर गए और बाहर नहीं निकल सके।

मकान से तेज लपटें उठती देख पड़ोस के लोगों ने फायर ब्रिगेड और पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही पुलिस और फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर पहुंच गई और रेस्क्यू शुरू किया, लेकिन स्थिति काबू में नहीं आई, क्योंकि आग बहुत ज्यादा फैल चुकी थी। इसके बाद एसडीआरएफ और एयरफोर्स को भी मदद के लिए मौके पर बुलाया गया। एसडीआरएफ की 13 सदस्यीय टीम ने दूसरी मंजिल की दीवार को मशीन से तोड़ा। यहां से विजय को निकाला गया। तीसरी मंजिल के दरवाजे को तोड़कर अलमारी को हटाया। यहां से दोनों बेटियों को निकाला गया। तीनों को अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने तीनों को मृत घोषित कर दिया।

एएसपी अखिलेश रैनवाल ने बताया कि आग पर काबू पा लिया गया है। मकान में फंसे तीन लोगों को निकालकर अस्पताल भेजा गया, लेकिन उनकी मौत हो चुकी थी। वहीं, प्रत्यक्षदर्शी पड़ोस में रहने वाले शैलू चौहान ने बताया कि आग बहुत भीषण थी। बेटियां और विजय अंदर से बाहर ही नहीं आ सके। एसडीआरएफ के प्लाटून कमांडर प्रभारी गोविंद शर्मा ने बताया कि हमें रात तीन बजे आग की सूचना मिली। हम लोग यहां मौके पर आए और दीवार तोड़कर विजय को बाहर निकाला। तीसरी मंजिल पर दरवाजा था, लेकिन अलमारी लगी होने से उसे भी तोड़ा गया। तीसरी मंजिल से दोनों बच्चियों को बाहर निकाला। गुरुवार तड़के 4.30 बजे तक आग पर काबू पा लिया गया था।

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