भोपाल, 19 जून (हि.स.)। राजधानी भोपाल में बुधवार को एक ब्रेन डेड व्यक्ति का लिवर और किडनी दान करने के बाद बुधवार को दो ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए। सिद्धांता रेडक्रॉस हॉस्पिटल से लिवर को बंसल हॉस्पिटल और किडनी को चिरायु हॉस्पिटल ले जाया गया है, जहां उनका ट्रांसप्लांट किया जाएगा। इससे दो मरीजों को नई जिंदगी मिल जाएगी।
दरअसल, सागर के रहने वाले महेश नामदेव (53) को ब्रेन हेमरेज के ट्रीटमेंट के लिए पांच दिन पहले सिद्धांता रेडक्रॉस हॉस्पिटल लाया गया था। इलाज के दौरान ब्रेन में ज्यादा ब्लीडिंग होने से वे कोमा में चले गए। मंगलवार को उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया। इसके बाद परिजनों ने उनका लिवर और किडनी दान करने का फैसला किया। इसके बाद बुधवार को ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए।
एडिशनल डीसीपी ट्रैफिक बंसत कौल ने बताया कि बंसल हॉस्पिटल के डॉक्टर्स की पहली टीम दोपहर करीब 2.30 बजे लिवर लेकर सिद्धांता हॉस्पिटल से रवाना हुई। चार मिनट में 3.5 किमी का सफर तय कर लिया गया। दूसरी टीम 2.35 बजे किडनी लेकर चिरायु मेडिकल कॉलेज के लिए निकली और 17 किमी की दूरी 13 मिनट में तय की गई। किडनी का ट्रांसप्लांट सिद्धांता हॉस्पिटल में ही एक मरीज को किया जाना है। दोनों टीम के रवाना होने के करीब 10 मिनट के बाद महेश नामदेव की पार्थिव देह उनके परिजनों को सौंप दी गई। परिजन शव लेकर सागर के लिए रवाना हो गए।
सिद्धांता रेडक्रास हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. सुबोध वार्ष्णेय ने बताया कि सागर के रहने वाले 53 वर्षीय महेश नामदेव हार्ट अटैक से ठीक हो गए थे। भोपाल ब्रेन हेमरेज के ट्रीटमेंट के लिए आए थे। यहां पांच दिन पहले भर्ती हुए। इलाज के दौरान ब्रेन में ज्यादा ब्लीडिंग होने के कारण वह कोमा में चले गए। इसके बाद मंगलवार को वह ब्रेन डेड हो गए। मरीज के परिजनों ने उनकी मेडिकल रिपोर्ट देखने के बाद लिवर, किडनी दान करने की मंशा जाहिर की थी। इसके बाद तय प्रोटोकॉल के तहत मेडिकल एक्सपर्ट की कमेटी ने पेशेंट महेश नामदेव को ब्रेन डेड घोषित किया गया। साथ ही नेशनल टिसू एंड ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन को मरीज की रिपोर्ट भेजी गई। नेशनल टिसू एंड ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन ने लिवर बंसल हॉस्पिटल में भर्ती मरीज को, एक किडनी चिरायु हॉस्पिटल मेडिकल कॉलेज और एक किडनी सिद्धांता रेडक्रास हॉस्पिटल में भर्ती मरीज को ट्रांसप्लांट करने की मंजूरी दी है।