नई दिल्ली, 15 जून (हि.स.)। न्यायालय की कार्यवाही की वीडियो रिकॉर्डिंग करने पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा है। भाजपा का आरोप है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी द्वारा शराब घोटाले में कोर्ट की कार्यवाही की अवहेलना की गई। यह आदमी पार्टी की सोची समझी साजिश थी। कोर्ट व्यवस्था पर कुठाराघात था। अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया तो न्यायालय की कार्यवाही का वीडियो अवैध रूप से रिकॉर्ड करके पार्टी के नेताओं ने जनता के बीच तोड़ मरोड़कर पेश किया। इसको लेकर कोर्ट ने उन्हें फटकार लगाई है।
शनिवार को प्रेसवार्ता में नवनिर्वाचित लोक सभा सदस्य कमलजीत सहरावत ने इस मामले में कानूनी पक्ष रखा। कमलजीत सहरावत ने बताया कि दिल्ली हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका में 28 मार्च 2024 को केजरीवाल की पार्टी एवं विधायकों द्वारा अवैध रूप से बनाई गई न्यायालय की वीडियो और ऑडियो को हटाने का निर्देश सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को दिया गया है। न्यायालय की कार्यवाही को रिकॉर्ड करना प्रतिबंधित है।
कमलजीत सहरावत ने कहा कि 21 मार्च 2024 को केजरीवाल गिरफ्तार हुए थे। जनता को गुमराह करने के लिए 28 मार्च 2024 को जब उनको न्यायालय के समक्ष पेश किया गया, तब फिर उन्होंने झूठे बयान दिए, जिसे उनकी पत्नी और उनके मंत्री, विधायकों ने अवैध रूप से न्यायालय की कार्यवाही का वीडियो बनाया और उसे सोशल मीडिया पर शेयर करके जनता को गुमराह करने की कोशिश की।
भाजपा की लोक सभा सदस्य सहरावत ने कहा कि 28 मार्च को कोर्ट में राजनीतिक बयानबाज़ी करके रिकार्ड करके दिखाना आम आदमी पार्टी की सोची समझी साजिश थी, कोर्ट व्यवस्था पर कुठाराघात था। दिल्ली प्रदेश भाजपा प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि पूरी की पूरी आम आदमी पार्टी मार्क्सवादी सोच से पोषित है और ऐसे लोग ना कोर्ट का सम्मान करते हैं ना शासन-प्रशासन का। इसी कारण आज दिल्ली सरकार में हर ओर आराजकता के साथ भ्रष्टाचार दिखता है।
अधिवक्ता अमित तिवारी ने कहा कि आम आदमी पार्टी और केजरीवाल की राजनीति के दो स्तम्भ हैं-पहला झूठ बोलना और दूसरा अपने भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए विक्टिम कार्ड खेलना। साल 2015 से 2022 तक कभी भी आम आदमी पार्टी या इनके नेताओं ने यह आरोप नहीं लगाया कि इनके विधायकों को भाजपा द्वारा किसी प्रकार का कोई प्रलोभन दिया गया है।