प्रयागराज, 12 जून (हि.स.)। उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित 40 दिवसीय नाट्य कार्यशाला का आज समापन हुआ। इस अवसर पर नाटक ‘गगन दमामा बाज्यो’ का मंचन बुधवार को सांस्कृतिक केन्द्र प्रेक्षागृह में हुआ। जिसमें रंग कर्मियों ने अपने सजीव अभिनय के माध्यम से लोगों में देशभक्ति का जज्बा भरा।
पीयूष मिश्रा द्वारा लिखित व संजय उपाध्याय के निर्देशन में तैयार नाटक देश के क्रांतिकारी भगत सिंह, राजगुरु, अशफाक उल्ला खां, रामप्रसाद बिस्मिल, सुखदेव, चंद्रशेखर आजाद, भगवती जैसे क्रांतिकारियों के जीवन पर आधारित “गगन दमामा बाज्यो’ नाट्य मंचन ही नहीं शहीद भगत सिंह को सच्ची श्रद्धांजलि रही। जो युवाओं में देश प्रेम जगाने और जोश भरने में समर्थ नाटक में जहां एक तरफ महात्मा गांधी के आजादी के तरीकों की बात की गई। वहीं दूसरी ओर भगत सिंह, अशफाक उल्ला खां, राम प्रसाद बिस्मिल, शिव वर्मा जैसे क्रांतिकारी विचारधारा के लोगों के संघर्ष का भी व्याख्यान है।
कहानी का हर पात्र अपने एक अहम भूमिका में है। नाटक में संगीत जहां एक तरफ देशभक्ति से ओत-प्रोत है, वहीं कुछ दृश्य इतने मार्मिक थे कि वह आज लोगों को दूसरा भगत सिंह या यूं कहें कि एक सच्चा देशभक्त बनने का जज्बा जगाते हैं। नाटक भगत सिंह के क्रांतिकारी जीवन से जुड़े असेम्बली में बम फेंकने जैसे घटनाक्रमों को समाने रखता है, मगर उसे पूरा दिखाने की जगह, हमारी स्मृति और एक कोलाज की तरह अभिव्यक्ति देकर आगे बढ़ जाता है।
नाटक में भगत सिंह की भूमिका में श्वेतांक कुमार मिश्रा, पं. चन्द्रशेखर आजाद की भूमिका में शुभेन्द्रु कुमार तथा विद्यावती की भूमिका में नम्रता सिंह के साथ ही सभी कलाकारों ने अपने सशक्त संवाद और बेजोड़ अभिनय से क्रांतिकारियों के त्याग और बलिदान की जीवंत प्रस्तुति की। यह नाटक कार्यशाला में प्रतिभाग करने वाले प्रतिभागियों द्वारा तैयार किया गया। मंच परिकल्पना भारतेंदु कश्यप, सह निर्देशन सज्जाज हुसैन खान तथा रंग संयोजन सलीम आरिफ ने किया। केंन्द्र निदेशक प्रो. सुरेश शर्मा ने प्रशिक्षकों को स्मृति चिन्ह भेंट तथा कलाकारों को प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया।