नवीन पटनायक के सहयोगी वीके पांडियन ने ओडिशा चुनाव में हार के बाद छोड़ी राजनीति

नई दिल्ली, 9 जून (हि.स.)। ओडिशा के कार्यवाहक मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के करीबी सहयोगी वीके पांडियन ने रविवार को सक्रिय राजनीति से संन्यास की घोषणा की। हाल में संपन्न लोकसभा एवं विधानसभा के चुनावों में बीजू जनता दल (बीजद) को ओडिशा में मिली करारी हार के बाद आज एक वीडियो संदेश में उन्होंने इसकी घोषणा की। एक दिन पहले पटनायक ने कहा था कि पांडियन उनके राजनीतिक उत्तराधिकारी नहीं हैं।

पांडियन ने कहा कि वे राजनीति में केवल अपने संरक्षक नवीन पटनायक को सहयोग देने आए थे। उनका इसके अलावा कोई मकसद नहीं था। उन्होंने न ही चुनाव न लड़ा और न ही बीजद में कोई पद लिया लेकिन कुछ कथानक ऐसे गढ़े गए जिनका हम सामना नहीं कर पाए। इसके कारण बीजद परिवार को नुकसान उठाना पड़ा। वे इसके लिए जनता और बीजद परिवार से माफी मांगते हैं। उनके पास लोगों का प्रेम ही सबसे बड़ी संपत्ति है।

ओडिशा में हाल में हुए चुनावों में भाजपा को बड़ी जीत मिली है। इसका प्रमुख कारण पांडियन का नवीन पटनायक का राजनीतिक विरासत संभालना माना जा रहा है। 2000 बैच के आईएएस अधिकारी पांडियन ने दो दशक से अधिक समय तक पटनायक के निजी सचिव रहे। 2023 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के बाद वह बीजद में शामिल हो गए।

पटनायक अपने पिता की मृत्यु के बाद राजनीति में आए थे। पहले वे केंद्र में मंत्री रहे और फिर राज्य में मुख्यमंत्री। वे लगातार 25 सालों तक ओडिशा के मुख्यमंत्री रहे।

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