पाकिस्तान में सिंध प्रांत के मुख्यमंत्री के सलाहकार का बेटा निकला डकैतों को हथियारों की आपूर्ति करने वाले गिरोह का सहयोगी

इस्लामाबाद, 08 जून (हि.स.)। पाकिस्तान के सिंध प्रांत के मुख्यमंत्री सैयद मुराद अली शाह के वन और वन्यजीव सलाहकार बबल खान भयो के पुत्र के खिलाफ पुलिस जांच में सनसनीखेज खुलासा हुआ है। इसमें दावा किया गया है कि बबल खान का बेटा अल्ताफ भयो कच्चा क्षेत्र (नदी क्षेत्र) में डकैतों को हथियारों की आपूर्ति करने वाले संदिग्धों के संपर्क में था। पाकिस्तान के समाचार चैनल एआरवाई न्यूज के इस खुलासे से सिंध की राजनीति में हलचल मच गई है।

एआरवाई न्यूज ने उपलब्ध पुलिस की जेआईटी रिपोर्ट के आधार पर यह खबर प्रसारित की है। रिपोर्ट के अनुसार, यह संदिग्ध गिरफ्तार किए जा चुके हैं। पुलिस ने कहा है कि अल्ताफ भयो ने संदिग्धों को अपने पिता के सुरक्षा प्रोटोकॉल की मोबाइल वैन उपलब्ध कराई थी। साथ ही बबल खान के एक अन्य रिश्तेदार महबूब भयो ने हथियार खरीदने के लिए संदिग्धों को 400000 रुपये मुहैया कराए थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि इश्तियाक लशारी कच्चा क्षेत्र के डकैतों को हथियारों की तस्करी करने वाले गिरोह का प्रमुख सदस्य है।

उल्लेखनीय है कि सिंध पुलिस ने कच्चा क्षेत्र के डकैतों को हथियारों की आपूर्ति के प्रयास को विफल कर दिया और 19 अप्रैल को शिकारपुर में कथित रूप से अपराध में शामिल तीन पुलिसकर्मियों सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया। इसके बाद सिंध के पुलिस महानिरीक्षक गुलाम नबी मेमन ने उप महानिरीक्षक लरकाना की अध्यक्षता में जांच के लिए एक जेआईटी का गठन किया था।

पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि गिरफ्तार किए गए संदिग्धों के कब्जे से हजारों गोलियां और दो कलाश्निकोव बरामद किए गए। प्रवक्ता ने दावा किया कि मुख्यमंत्री के वन और वन्यजीव सलाहकार की सुरक्षा में तैनात पुलिस मोबाइल में हथियारों की खेप बलूचिस्तान से शिकारपुर पहुंचाई जा रही थी।

जैकोबाबाद के मोलादाद पुलिस में इंस्पेक्टर इश्तियाक अहमद के शिकायतकर्ता के रूप में चार हथियार तस्करों, एक एएसआई और दो अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ आतंकवाद विरोधी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। इन लोगों में इख्तियार अहमद लशारी, नबील अहमद भयो, तौफीक अहमद गुज्जर, जाकिर हुसैन भयो, एएसआई इम्तियाज अहमद भयो और कांस्टेबल सनाउल्लाह मंगनहार और बकाउल्लाह उन्नार शामिल हैं। इस घटना के बाद बबल खान ने इस्तीफा देते हुए ‘पारदर्शी जांच’ की मांग की थी।

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