कांग्रेस ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट में धांधली का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की

नई दिल्ली, 7 जून (हि.स.)। कांग्रेस ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट (स्नातक) में धांधली का आरोप लगाते हुए कहा है कि इसकी उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच होनी चाहिए ताकि प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं को न्याय मिल सके। नीट का परिणाम गत चार जून को घोषित किया गया था। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया कि भाजपा ने देश के युवाओं को ठगा है।

आज (शुक्रवार) कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और जयराम रमेश ने सोशल मीडिया एक्स पर प्रतिक्रिया देने के साथ ही कहा कि उनकी मांग है कि उच्चतम न्यायालय की देखरेख में एक उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए, जिससे नीट व अन्य परीक्षाओं में भाग लेने वाले हमारे प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं को न्याय मिले।

मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा , “पेपर लीक, धांधली और भ्रष्टाचार नीट समेत कई परीक्षाओं का अभिन्न अंग बन गया है। उन्होंने कहा कि अभ्यर्थियों के लिए भर्ती परीक्षाओं में भाग लेना, फिर अनेक अनियमितताओं से जूझना, पेपर लीक के चक्रव्यूह में फंसना- उनके भविष्य से खिलवाड़ है।”

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, “पहले नीट परीक्षा का पेपर लीक हुआ और अब छात्रों का आरोप है कि इसके परिणाम में भी भ्रष्टाचार हुआ है। एक ही सेंटर के 6 छात्रों को 720 में से 720 अंक मिलने पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं और कई तरह की अनियमितताओं की बातें सामने आ रही हैं। बच्चों के आत्महत्या करने की खबरें झकझोरने वाली हैं।”

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, “मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट में लाखों परीक्षार्थियों के साथ घोटाला पूरी तरह से अस्वीकार्य और अक्षम्य है। यह देश के लाखों अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ सीधा खिलवाड़ है। इस साल पहले इसमें पेपर लीक होने का समाचार आया। अब मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट के कई परीक्षार्थियों ने छात्रों के अंक बढ़ाए जाने के आरोप लगाए हैं। छात्रों का कहना है कि इस बार रिकॉर्ड 67 परीक्षार्थियों ने टॉप रैंक हासिल की और इनमें से छह अभ्यर्थी तो एक ही परीक्षा केंद्र से बताए जा रहे हैं।”

उन्होंने कहा,“राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी ने सफ़ाई तो दी है, पर इसे प्रभावित छात्रों द्वारा बेहद सतही और ग़ैर भरोसेमंद बताया जा रहा है। ऐसे में छात्रों की इस परीक्षा की शुचिता में विश्वास बहाली बेहद ज़रूरी है, जो निष्पक्ष और पारदर्शी जाँच से ही संभव है।”

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