अगरतला, 1 जून: त्रिपुरा आंगनवाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर्स यूनियन, सीटू, अखिल भारतीय श्रमजीवी महिला समन्वय समिति और अखिल भारतीय डेमोक्रेटिक महिला एसोसिएशन ने आज त्रिपुरा उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को ग्रेच्युटी के भुगतान सहित 4 सूत्री मांगों को लेकर एक रैली का आयोजन किया। बाद में विभिन्न वामपंथी संगठनों ने संयुक्त रूप से समाज कल्याण एवं सामाजिक शिक्षा विभाग के निदेशक को प्रतिनियुक्ति प्रदान की। आज के जुलूस में पूर्व मंत्री माणिक डे, पांचाली भट्टाचार्य, रमा दास समेत अन्य मौजूद थे।
पूर्व मंत्री माणिक डे ने कहा कि ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम 1972 में पारित हुआ था। सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायक, दोनों सार्वजनिक और निजी, ग्रेच्युटी के हकदार हैं। 9 मई को त्रिपुरा उच्च न्यायालय ने आंगनवाड़ी सहायता कार्यकर्ताओं को ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम के अनुसार ग्रेच्युटी का भुगतान करने का आदेश दिया था। राज्य सरकार को सभी आंगनवाड़ी सहायता कर्मियों को उनकी सेवानिवृत्ति के 30 दिनों के भीतर ग्रेच्युटी का भुगतान करना होगा। 30 दिन बाद 7 फीसदी ब्याज के साथ इसका भुगतान करना होगा। लेकिन राज्य सरकार आंगनबाडी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को ग्रेच्युटी देने में हाथ-पैर मार रही है। इसके विरोध में विभिन्न वामपंथी संगठन भी शामिल हो गये हैं।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा इस दिन सरकार को 4 मांगें भी दी गई हैं। वे हैं, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं का वेतन बढ़ाना, सेवा अवधि बढ़ाना और छटनी हुई आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को बहाल करना।