गुवाहाटी, 01 जून (हि.स.)। चक्रवाती तूफान रेमल के कारण हुई भारी बारिश से आई बाढ़ में असम में अब तक दो बच्चों समेत आठ लोगों की मौत हो चुकी है जबकि करीब 3.50 लाख लोगों को उनके घरों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। प्रदेश में बाढ़ की स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है।
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) की रिपोर्ट के अनुसार कछार जिले में एक बच्चे समेत तीन लोगों की मौत हो गई। हैलाकांदी जिले में एक बच्चे समेत दो लोगों की मौत हो गई। पश्चिम कार्बी आंगलोंग जिले में एक व्यक्ति की मौत हो गई। राज्य के 11 जिलों के 78 हजार से अधिक बच्चों समेत 3.50 लाख लोग बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
कछार जिले में करीब 1.20 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। नगांव जिले में 78,756 लोग, होजाई जिले में 77,030, करीमगंज जिले में 52,684 लोग तथा हैलाकांदी जिले में 10,165 लोग प्रभावित हुए हैं। कार्बी आंगलोंग, धेमाजी, होजाई, कछार, करीमगंज, डिब्रूगढ़, नगांव, हैलाकांदी, गोलाघाट, पश्चिम कार्बी आंगलोंग और डिमा हसाओ जिलों के 25 राजस्व ब्लॉकों के कुल 560 गांव अभी भी पानी में डूबे हुए हैं।
मूसलाधार बारिश के बाद कपिली, बराक, कटाखाल और कुशियारा समेत कई नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है। बाढ़ प्रभावित जिलों में बाढ़ के पानी ने 4931 हेक्टेयर फसल क्षेत्र को जलमग्न कर दिया है। प्रशासन ने 187 राहत शिविर और वितरण केंद्र स्थापित किए हैं, जहां 68,600 लोग शरण लिए हुए हैं। बाढ़ में कुल 10,23,063 पालतू जानवर भी प्रभावित हुए हैं।1
एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, असम पुलिस, अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाएं और स्थानीय प्रशासन कई बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बचाव अभियान में लगे हुए हैं। पिछले 24 घंटों में बाढ़ के पानी ने 11 सड़कों, कई स्वास्थ्य केंद्रों, पुलियों, आंगनबाड़ी केंद्रों, स्कूल भवनों, सिंचाई नहरों को नुकसान पहुंचाया और तीन तटबंधों को तोड़ दिया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल में प्राकृतिक आपदा के कारण जान गंवाने वाले प्रत्येक मृतक के परिजन को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपये और प्रत्येक घायल को 50 की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।