अगरतला, 1 जून: 1-त्रिपुरा पश्चिम संसदीय क्षेत्र और 2-त्रिपुरा पूर्व (एसटी) संसदीय क्षेत्र के लिए वोटों की गिनती देश के बाकी हिस्सों के साथ 4 जून को होगी। त्रिपुरा मे मतगणना प्रक्रिया को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए आज राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पुनित अग्रवाल की अध्यक्षता में एक सर्वदलीय बैठक आयोजित की गई। मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के कॉन्फ्रेंस हॉल में आयोजित इस सर्वदलीय बैठक में अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी उषाजेन मोग, अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी सुभाशीष बनर्जी और विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
बैठक में मुख्य निर्वाचन अधिकारी पुनित अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश के दो संसदीय क्षेत्रों तथा 7-रामनगर विधानसभा क्षेत्र के उप-चुनाव की मतगणना 4 जून को सम्पन्न होगी। राज्य के कुल 20 मतदान केंद्रों पर सुबह 8 बजे से मतगणना प्रक्रिया शुरू होगी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि राज्य में प्रत्येक मतगणना केंद्र के 100 मीटर के दायरे में धारा 144 लागू रहेगी। 60 विधानसभा क्षेत्रों के अतिरिक्त रिटर्निंग अधिकारियों की देखरेख में गिनती की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। राज्य के 20 मतगणना केंद्रों में से प्रत्येक 60 मतगणना केंद्रों में 8-14 मतगणना टेबलों पर वोटों की गिनती की जाएगी।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी पुनीत अग्रवाल ने बताया कि 1-त्रिपुरा पश्चिम संसदीय क्षेत्र 1-त्रिपुरा पश्चिम संसदीय क्षेत्र में 81.48 प्रतिशत ईवीएम वोटिंग और 2-त्रिपुरा पूर्व (एसटी) संसदीय क्षेत्र में 80.36 प्रतिशत ईवीएम वोटिंग हुई। कल तक 1-त्रिपुरा पश्चिम संसदीय क्षेत्र में 20,283 मतपत्र, 2-त्रिपुरा पूर्व (एसटी) संसदीय क्षेत्र में 2-14,364 और रामनगर विधानसभा क्षेत्र उपचुनाव के लिए 7-1101 मतपत्र जमा किए गए हैं। त्रिपुरा के दो संसदीय क्षेत्रों में बैलेटपेपर वोटों की गिनती रिटर्निंग ऑफिसर्स टेबल पर की जाएगी। मतगणना के दिन सुबह आठ बजे तक रिटर्निंग अधिकारियों के कार्यालय में पहुंचने वाले मतपत्र भी गिने जाएंगे। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के लिए एआरओ की तालिका में पांच वीवीपैट की गिनती की जाएगी। मतगणना की समुचित निगरानी के लिए भारत निर्वाचन आयोग की ओर से 31 मतगणना पर्यवेक्षक नियुक्त किये गये हैं।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी पुनित अग्रवाल ने सर्वदलीय बैठक में कहा कि विभिन्न राजनीतिक दलों के मतगणना एजेंटों की सूची आज शाम पांच बजे तक जमा कर दी जाये। राजनीतिक दलों के मतगणना एजेंटों को मतगणना केंद्र में प्रवेश के लिए निर्वाचन विभाग के दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा। प्रत्येक मतगणना केंद्र पर तीन स्तरीय सुरक्षा घेरा स्थापित किया गया है। उन्होंने सभी से मतगणना के बाद की अवधि के दौरान शांति बनाए रखने और चुनाव आयोग द्वारा घोषित परिणामों को स्वीकार करने का आग्रह किया।