असम राजभवन में मनाया गया गोवा राज्य दिवस

गुवाहाटी, 30 मई (हि.स.)। देश के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के राज्य स्थापना दिवस की भावना को आदर करने के क्रम में असम राजभवन के सम्मेलन कक्ष में आयोजित एक समारोह में गोवा राज्य स्थापना दिवस मनाया।

यह समारोह असम और गोवा के बीच घनिष्ठ और अंतर्निहित संबंधों और इनकी सांस्कृतिक विरासत का जश्न मनाता है। इस अवसर पर सेंट जेवियर्स स्कूल (पामोही) के प्रबंधक फादर जोसली फर्नांडीस ने कहा कि गोवा का प्रकृति के साथ गहरा संबंध है। यह भारत के प्रमुख धर्मों के सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि चाहे कोई भी आगंतुक दुनिया के किसी भी हिस्से से क्यों न हो, गोवा सभी के साथ अच्छा व्यवहार करता है और “अतिथि देवो भव” के सिद्धांत पर खरा उतरता है।

उन्होंने यह भी कहा कि पश्चिमी घाट का हरा-भरा परिदृश्य, झरने, खूबसूरत समुद्र तट और शांत बैकवाटर गोवा को हर किसी के लिए एक पसंदीदा गंतव्य बनाते हैं। मंदिरों और चर्चों की मौजूदगी आपसी सम्मान और सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व के संदेश को दर्शाती है।

इस अवसर पर डॉन बॉस्को विश्वविद्यालय के कुलपति फादर (डॉ) जोस पैली ने कहा कि गोवा भारत का “सनशाइन स्टेट” है। हालांकि यह राज्य देश का सबसे छोटा राज्य है, लेकिन विकास की दिशा में इसकी प्रगति उल्लेखनीय है। राज्य की प्राकृतिक सुंदरता, सांस्कृतिक विरासत, आर्थिक जीवंतता, ढांचागत विकास और सामाजिक कल्याण पहल गोवा को एक अनुकरणीय राज्य बनाती है।

उन्होंने कहा, “जैसा कि हम असम में गोवा का राज्य दिवस मना रहे हैं, यह ध्यान रखना उचित है कि असम प्राकृतिक संसाधनों के मामले में एक समान माहौल साझा करता है। चाहे वह काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान हो, विशाल ब्रह्मपुत्र नद हो या माजुली नदी द्वीप- असम को भी प्रकृति का भरपूर आशीर्वाद प्राप्त है।”

समारोह के दौरान असम की प्रथम महिला अनीता कटारिया, राज्यपाल की सचिव स्वप्ना दत्ता डेका, सेंट जेवियर्स स्कूल की प्रिंसिपल कबिता डेका, फादर मिल्डन डिसूजा सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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