गुवाहाटी, 25 मई (हि.स.)। मुख्य सचिव डॉ. रवि कोटा ने कहा है कि ”चाय और तेल के बाद असम को विश्व स्तर पर अपनी बहुमूल्य संपत्ति ‘अगर’ की लकड़ी के लिए आने वाले दिनों में जाना जाएगा। असम की जलवायु और परिदृश्य अगर वृक्षारोपण के लिए सबसे उपयुक्त हैं। इसकी सर्वोत्तम गुणवत्ता वाली सुगंध के कारण वैश्विक बाजारों, विशेष रूप से मध्य पूर्व में असम के अगरवुड की उच्च मांग है। इसके अलावा इत्र का विशाल घरेलू बाजार भी दरवाजे पर दस्तक दे रहा है। मुख्य सचिव डॉ. कोटा आज एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इत्र और अगर के लिए राज्य के पहले लाइसेंस प्राप्त विनिर्माण सह खुदरा स्टोर – एमजेआई परफ्यूम्स के उद्घाटन के दौरान अपना विचार व्यक्त किया। आज राजधानी के हाथीगांव में अगर से मेक-इन-असम परफ्यूम फ्रोम अगर- एमजेआई परफ्यूम्स का उन्होंने उद्घाटन किया।
उन्होंने कहा कि वैश्विक अगरवुड चिप बाजार अकेले 2034 तक 16.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर (1.35 लाख करोड़ रुपये) तक बढ़ने वाला है। हालांकि, अगर पर अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिबंध है। जैसे-जैसे हम आगे बढ़ेंगे, इसमें सुधार होना चाहिए। लेकिन, बड़ा घरेलू बाजार तैयार है। अगर की लकड़ी में चाय के बाद असम में भी एक नई ”हरित क्रांति” पैदा करने की बड़ी क्षमता है। अगर उद्योग की चुनौतियों के बारे में विस्तार से बताते हुए, डॉ. रवि कोटा ने कहा कि, ”अगर तेल का प्रसंस्करण करने वाली अधिकांश इकाइयां छोटे पैमाने पर ऑपरेटर हैं। असंगठित हैं। ज्यादातर असम के कुछ जिलों में केंद्रित हैं। उसी के मद्देनजर, उद्योग और वाणिज्य विभाग ने अगर की खेती और इसके समृद्ध उद्योगों को समर्थन देने के लिए असम अगरवुड प्रमोशन नीति – 2020 लाई है।”
गोलाघाट में जल्द ही उद्घाटन होने वाला अगर अंतर्राष्ट्रीय व्यापार केंद्र अगरवुड और इसके मूल्य वर्धित उत्पादों के प्रचार और व्यावसायीकरण के लिए समर्पित होगा। यह असम के अगर उत्पादकों के लिए नए रास्ते खोलेगा और उद्यमिता, विस्तार और विकास को प्रोत्साहित करेगा। मुख्य सचिव ने युवाओं, विशेष रूप से संभावित स्टार्ट-अप्स से अगरवुड में आर्थिक मील के पत्थर हासिल करने के लिए सामूहिक प्रयास करने का आह्वान किया और उम्मीद जताई कि कुछ समय बाद ऐसा समय आएगा कि असम आने वाले पर्यटक अपने घर असमिया स्वदेशी अगर तेल और इत्र पारंपरिक गामोछा, जापी, सराई या राइनो मॉडल के साथ ले जाएंगे।
इस दौरान उद्योग विभाग के वरिष्ठ अधिकारी डॉ. लक्ष्मणन एस, सचिव, उद्योग और वाणिज्य विभाग, सज़ाद आलम, संयुक्त सचिव, ओइनम सरन कुमार सिंह, आयुक्त उद्योग और वाणिज्य, मानवेंद्र प्रताप सिंह, एमडी एआईडीसी, चिन्मय फुकन, एमडी एआईआईडीसी, डॉ. राधाकृष्णानंद पी, एनआईपीईआर के प्रभारी रजिस्ट्रार, विश्वजीत तालुकदार, ड्रग कंट्रोलर और खाद्य सुरक्षा अधिकारी (प्रभारी), अनुभवी फिल्म अभिनेता प्रांजल सैकिया, वरिष्ठ पत्रकार प्रणय बरदलै, पूर्व महाप्रबंधक, इंडियन ओवरसीज बैंक डॉ. समीर बरुवा तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं गणमान्य व्यक्ति आदि इस अवसर पर उपस्थित रहे।