गोलाघाट (असम), 24 मई (हि.स.)। गोलाघाट जिला पुलिस अधीक्षक राजेन सिंह ने शुक्रवार को गोलाघाट थाना के एक खेल के मैदान में ड्रग्स डिस्पोजल कमेटी के साथ मिलकर तहत लगभग 1.33 करोड़ रुपये के ड्रग्स और नशीले पदार्थों को जलाने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया। पुलिस अधीक्षक राजेन सिंह स्वयं ड्रग्स और नशीले पदार्थों को जलाने के कार्यक्रम में मौजूद थे। पुलिस अधीक्षक सिंह ने आज यह जानकारी मीडिया के सामने दी।
उन्होंने कहा कि म्यांमार से, ड्रग्स नगालैंड, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश के रास्ते गोलाघाट में प्रवेश करता है। ड्रग्स के लिए मुख्य पारगमन बिंदु अब गोलाघाट जिला है। गोलाघाट से घातक ड्रग्स ऊपरी असम समेत विभिन्न जिलों में आसानी से पहुंच जाते हैं। गोलाघाट जिले में मणिपुर, मिजोरम, अरुणाचल और नगालैंड के रास्ते म्यांमार से करोड़ों रुपये के ड्रग्स की आपूर्ति होती है। उन्होंने कहा कि एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह म्यांमार से अंतर्राष्ट्रीय सीमा खुला होने का लाभ उठाता है। दुनिया का 70 फ़ीसदी मादक पदार्थों का उत्पादन म्यांमार ही करता है। विशेष रूप से मणिपुर और मिजोरम से होकर करोड़ों रुपये की दवाओं की आपूर्ति करता है। आसानी से नगालैंड में प्रवेश करता है और उन्हें गोलाघाट जिले में ले आता है।
दूसरी ओर, गोलाघाट के एसपी ने बताया कि नगालैंड और गोलाघाट जिलों के बीच 125 किमी की सीमा है। जहां गोलाघाट जिले में नशे की सप्लाई के लिए छोटे-छोटे रास्तों का इस्तेमाल किया जाता है।
उन्होंने बताया कि 1 जनवरी, 2023 से 1 जनवरी, 2024 तक गोलाघाट जिले में 14 ड्रग्स से संबंधित मामले दर्ज किए गए। 25 करोड़ रुपये के ड्रग्स जब्त किये। 28 ड्रग्स तस्करों और 30 वाहनों को पकड़ा।
उन्होंने बताया कि कि 2021 से 2024 तक गोलाघाट जिले में 150 मामलों में हरोइन 8990.782 ग्राम, गांजा 99094 ग्राम, अफीम 148970 ग्राम, याबा टैबलेट 172523, कोकीन 92.91 ग्राम तथा मॉर्फिन 30.25 ग्राम बरामद किया।
पुलिस ने 1,6,53,450 रुपये नकद जब्त किए। 260 ड्रग्स पेडलरों को गिरफ्तार किया।