शिमला, 22 मई (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश के छह पर्वतारोहियों की युवा टीम ‘वाइट एक्सपीडिशन’ ने जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति की स्पीति घाटी में बर्फ से ढकी 6300 मीटर ऊंची चोटी माउंट चाऊ चाऊ काँग नील्दा पर तिरंगा फहराया।
काजा के अतिरिक्त उपायुक्त राहुल जैन ने छह पर्वतारोहियों की युवा टीम ‘वाइट एक्सपीडिशन’ को 18 मई को कॉमिक से हरी झडी दिखाकर रवाना किया था। भारतीय लोकतंत्र के प्रहरी बने सभी पर्वतारोहण की टीम इस मिशन के साथ आगे बढ़ी। मात्र तीन दिन में पर्वतारोहियों की टीम ने साहस व हौंसले की बदौलत स्पीति वैली की ऊंची चोटियों में से एक माउंट चाऊ चाऊ काँग नील्दा पर तिरंगा लहराया है। इस चोटी की बेहद कठिन चढ़ाई के कारण अभी तक मात्र चार बार ही चढ़ा जा सका है। वाइट एक्सपीडेशन टीम ने हार ना मानते हुए पांचवीं बार इस चोटी पर विजय हासिल की। चोटी तक दल को पहुँचने के लिये आइस वाल , क्रवास ओर 70° के क्लाइंब को पार करना पड़ा। टीम लीडर राहुल उर्फ़ रिकी माउंटेनियर, ईशानी, नीकिता ठाकुर, साहिल मलिक, शुभम् बिष्ट और एरोन शेरपा के साथ 20 मई को वापस कामिक पहुँच गई।
पर्वतारोहियों के दल के लीडर राहुल ने बताया कि उनकी निडर और अनुभवी टीम के कारण ही इस चोटी की जीत हासिल हुई। उन्होंने कहा कि किसी भी बड़े से बड़े माउंटेन को चढ़ने के लिए आप के पास अनुभवी टीम का होना बहुत जरूरी है। उनकी टीम के सभी मेंबर सर्टिफ़ाइड और एक्सपीरियंस माउंटेनियर है। राहुल ने कहा कि उनका और उनकी टीम का मक़सद है कि भारत में पर्वतारोहण को प्रोत्साहित करना है ताकि विश्व से पर्वतारोही भारत में आकर क्लाइंब करें।
उन्होंने कहा कि हमारा हिमाचल प्रदेश, उतराखड़ और लद्दाख पहाड़ों से भरा पड़ा है। हमें और हमारे भारतीय पर्वतारोहियों को मिलकर काम करना चाहिए ताकि साहसिक पर्यटन से हमारे प्रदेश को आर्थिक लाभ हो। उन्होंने कहा कि अभी तक हमारे यहां पर्वतारोहण के लिए इक्यूपमेंट नहीं मिल पाते हैं, वहीं रेस्क्यू के लिए सरकार को नीति बनाने पर विचार करना चाहिए, जिससे हिमाचल प्रदेश में साहसिक एडवेंचर टूरिज्म में प्रगति की अपार सम्भावनाओं को साकार किया जा सके है।