मप्र के नर्सिंग घोटाले की जांच में भी गड़बड़झाला, सीबीआई ने 31 जगह मारे छापे

2.33 करोड़ रुपये नकद, सोने के चार बिस्किट जब्त, 23 लोगों पर केस

भोपाल, 20 मई (हि.स.)। मध्य प्रदेश के नर्सिंग घोटाले की जांच में भी बड़ा गड़बड़झाला सामने आया है। नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़े की जांच में जुटी सीबीआई ने कॉलेजों को क्लीन चिट देने की कोशिश में जुटे अपने ही अधिकारियों, बिचौलियों व अन्य पर बड़ी कार्रवाई की है। सीबीआई ने शनिवार और रविवार को मध्य प्रदेश और राजस्थान में छापामार कार्रवाई की थी। इसमें 23 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। वहीं, सीबीआई के चार अधिकारियों समेत 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इनको कोर्ट के सामने पेश किया गया। कोर्ट ने सभी को 29 मई तक रिमांड पर सीबीआई को सौंप दिया।

सीबीआई की तरफ से सोमवार को जानकारी दी गई है कि मप्र हाईकोर्ट के निर्देश पर प्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों की जांच के लिए सीबीआई और एसीबी भोपाल की सात कोर टीम बनाई गई थी। वहीं, तीन से चार अन्य टीमें जांच में मदद करने के लिए बनाई गई थीं। टीम में सीबीआई के अधिकारी, मध्य प्रदेश नर्सिंग कॉलेज के नामित सदस्य और पटवारी शामिल थे। इस टीम का काम हाईकोर्ट के निर्देश पर यह जांचना था कि क्या नर्सिंग कॉलेज बुनियादी सुविधाओं और संकाय के संबंध में नर्सिंग कॉलेजों के लिए निर्धारित मानदंडों और मानकों को पूरा करते हैं?

सबसे पहले निरीक्षक राहुल राज को दबोचा

अलग-अलग टीमें यह जांच कर रही थीं। इस दौरान सीबीआई के निरीक्षक राहुल राज के भ्रष्टाचार की गतिविधियों में शामिल होने का संदेह हुआ। राहुल राज नर्सिंग घोटाले में शामिल कॉलेज संचालकों से मिलीभगत कर उनके पक्ष में रिपोर्ट बनाकर दे रहा था और बदले में रिश्वत ले रहा था। इसके बाद सीबीआई की आंतरिक विजिलेंस टीम सक्रिय हुई और 23 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया। इसमें इंस्पेक्टर राहुल राज समेत सीबीआई के तीन अधिकारी भी शामिल हैं। इसके बाद सीबीआई ने राहुल राज को 10 लाख की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। साथ ही रिश्वत देने वाले अनिल भास्करन और उसकी पत्नी सुमा अनिल भास्करन को भी पकड़ा।

सीबीआई की दिल्ली टीम ने भोपाल, इंदौर, रतलाम और राजस्थान के जयपुर में 31 जगह छापेमारी की। इस दौरान सीबीआई ने 2 करोड़ 33 लाख रुपये नगद, चार सोने के बिस्किट, 36 डिजिटल डिवाइस और 150 मामले से जुड़े दस्तावेज जब्त किए।

सीबीआई की तरफ से बताया कि मामले में 13 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है, इनमें राहुल राज, इंस्पेक्टर सीबीआई, सुशील कुमार मजोका इंस्पेक्टर एमपी पुलिस शामिल हैं, जो सीबीआई से जुड़े हुए हैं और दलाल के रूप में काम कर रहे ओम गोस्वामी, रवि भदौरिया और जुगल किशोर और तीन महिलाओं को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों को कोर्ट के सामने पेश किया गया, जिनको कोर्ट ने 29 मई तक सीबीआई की हिरासत में भेज दिया। सीबीआई ने रिश्वतखोरी में लिप्त अधिकारियों के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई भी शुरू कर दी है।

169 नर्सिंग कालेजों को दी क्लीन चिट, रिश्वतकांड के बाद पूरी जांच सवालों में

सीबाआई निरीक्षक राहुल राज द्वारा 10 लाख रुपये रिश्वत लेने और उसकी गिरफ्तारी के बाद अब तक की गई सभी कालेजों की जांच सवालों के घेरे में आ गई है। उच्च न्यायालय ने 364 कालेजों की जांच सीबीआई को सौंपी थी, जिसमें अब तक 318 कालेजों की जांच सीबीआई ने पूरी कर हार्हकोर्ट में रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है। इनमें 169 कालेजों को सीबीआई ने क्लीन चिट दे दी है। इस रिपोर्ट के आधार पर हाईकोर्ट ने इन कालेजों की मान्यता बहाल करने के लिए चिकित्सा शिक्षा संचालनालय को कहा था।

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