चुनाव के समय 8,889 करोड़ की सामग्री जब्त : चुनाव आयोग

नई दिल्ली, 18 मई (हि.स.)। चुनाव आयोग ने शनिवार को कहा कि मौजूदा लोकसभा चुनावों के दौरान 8,889 करोड़ रुपये की सामग्री जब्त की जा चुकी है। कुल बरामदगी में सबसे बड़ा हिस्सा 45 प्रतिशत नशीली दवाओं (ड्रग्स) का है।

आयोग ने एक विज्ञप्ति में कहा कि चुनाव के समय जब्ती का आंकड़ा जल्द ही 9,000 करोड़ रुपये को पार कर जाएगा। मौजूदा चुनावों में धनबल और प्रलोभनों पर चुनाव आयोग के दृढ़ और ठोस हमले के परिणामस्वरूप एजेंसियों ने 8,889 करोड़ रुपये की जब्ती की है। कुल बरामदगी में सबसे बड़ा हिस्सा 45 प्रतिशत नशीली दवाओं का है जो 3,958 करोड़ रुपये है।

आयोग ने कहा कि ड्रग्स और मनोदैहिक पदार्थों सहित प्रलोभनों के खिलाफ निगरानी बढ़ी दी गई है। इसके परिणामस्वरूप बड़ी जब्ती कार्रवाई हुई हैं। इसमें ड्रग्स की बरामदगी सबसे ज्यादा हुई है। ड्रग्स, शराब, कीमती धातुओं, मुफ्त वस्तुओं, नकदी की जब्ती अलग-अलग स्तर पर चुनावों को प्रभावित करती है, कुछ सीधे तौर पर प्रलोभन के रूप में प्रवाहित होती हैं जबकि अन्य धन के प्रचलन के कम स्तर के माध्यम से होती हैं। इस प्रकार यह अवैध गतिविधियों की आय को राजनीतिक अभियानों से जोड़ने पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।

चुनाव आयोग ने नशीले पदार्थों और मनोदैहिक पदार्थों की जब्ती पर विशेष जोर दिया है। आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला कि जो राज्य और केंद्रशासित प्रदेश पारगमन क्षेत्र हुआ करते थे, वे तेजी से उपभोग क्षेत्र बन रहे हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने एक समीक्षा दौरे के दौरान नोडल एजेंसियों को संबोधित करते हुए कहा था, “चुनावों में नशीली दवाओं के व्यापार के गंदे पैसे की भूमिका को जड़ से खत्म करने के लिए दवाओं और नशीले पदार्थों के खिलाफ एजेंसियों द्वारा सटीक खुफिया-आधारित सहयोगात्मक प्रयास समय की जरूरत है।” युवाओं और इस प्रकार देश के भविष्य को बचाने के लिए यह महत्वपूर्ण और समग्र है।”

आयोग ने कहा कि नशीली दवाओं की जब्ती का योगदान 3,958 करोड़ रुपये है जो कुल जब्ती का 45 प्रतिशत है। सीईसी राजीव कुमार के नेतृत्व में आयोग ने ईसी ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू के साथ एनसीबी के समर्पित नोडल अधिकारियों द्वारा कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए विश्लेषण-आधारित सक्रिय कार्रवाई करने के लिए डीजी, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के साथ बैठकें कीं। इसी प्रकार मौजूदा चुनावों के दौरान डीआरआई, भारतीय तटरक्षक बल, राज्य पुलिस और अन्य एजेंसियों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की गई। इन सभी उपायों के कारण चुनावों की घोषणा के बाद दो महीनों में महत्वपूर्ण बरामदगी हुई है।

आयोग ने कहा कि पिछले तीन चरणों में प्रचार की बढ़ती तीव्रता के साथ ईसीआई मतदाताओं को प्रलोभन के माध्यम से प्रभावित करने के प्रयासों पर कड़ी नजर रख रहा है और सीईओ एवं प्रवर्तन एजेंसियों को निगरानी बढ़ाने का निर्देश दिया है। आयोग द्वारा नशीली दवाओं और अन्य प्रलोभनों के खिलाफ अभियान जारी रहेगा। गुजरात एटीएस, एनसीबी और भारतीय तट रक्षक ने संयुक्त अभियान में केवल तीन दिनों में 892 करोड़ रुपये की तीन उच्च मूल्य वाली दवाओं को जब्त किया है।

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