गुवाहाटी, 16 मई (हि.स.)। भारतीय रेल अपने ‘कैपिटल कनेक्टिविटी’ परियोजनाओं और भारत सरकार की ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ के तहत कई रेल परियोजनाओं को निष्पादित कर पूर्वोत्तर राज्यों की कनेक्टिविटी परिदृश्य को बदलने में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। अनिल कुमार खंडेलवाल, सदस्य (अवसंरचना), रेलवे बोर्ड ने बीते 13 मई से 15 मई तक पूर्वोत्तर सीमा रेल (पूसीरे) के अधीन चल रही कुछ महत्वपूर्ण रेल परियोजनाओं का निरीक्षण किया। निरीक्षण की गई परियोजनाओं में भैरबी-साइरंग नई लाइन परियोजना, जिरिबाम-इम्फाल नई लाइन परियोजना और अगरतला-अखौड़ा अंतर्राष्ट्रीय रेल संपर्क परियोजना शामिल हैं।
पूसीरे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सब्यसाची डे ने आज बताया है कि 13 मई को अनिल कुमार खंडेलवाल, सदस्य (अवसंरचना), रेलवे बोर्ड ने भैरबी-साइरंग नई रेल लाइन परियोजना के निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। यह परियोजना देश के बाकी हिस्सों से पूर्वोत्तर राज्य मिजोरम को मजबूत रेल कनेक्टिविटी के माध्यम से जोड़ेगी और यह पूर्ण होने के अग्रिम चरण में है। परियोजना का लगभग 93 प्रतिशत कार्य अब तक पूरा हो चुका है। इस परियोजना के तहत मिजोरम राज्य में 51.38 किमी रेलवे ट्रैक और 55 बड़े पुल एवं 87 छोटे पुल शामिल हैं। परियोजना में सुरंगों की कुल लंबाई 12853 मीटर है। इस परियोजना में 4 स्टेशन हैं। परियोजना का पुल संख्या 196 का सबसे लंबा स्तंभ 104 मीटर है, जो कुतुब मीनार से 42 मीटर अधिक लंबा है।
सदस्य (अवसंरचना), रेलवे बोर्ड ने 14 मई को जिरिबाम-इम्फाल नई लाइन परियोजना के निर्माण कार्य का भी निरीक्षण किया। इस परियोजना का उद्देश्य पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ना है और यह पूर्ण होने के अग्रिम चरण में है। यह परियोजना 111 किमी लंबी है, जिसमें 52 सुरंगें, 11 बड़े पुल, 129 छोटे पुल शामिल हैं। इस परियोजना में विश्व के सबसे ऊंचे स्तंभ 141 मीटर की ऊंचाई पर रेलवे पुल का निर्माण किया जा रहा है। परियोजना का लगभग 77 प्रतिशत कार्य अब तक पूरा हो चुका है।
ये परियोजनाएं क्रमशः मिजोरम और मणिपुर के पहाड़ी राज्यों के लोगों को उन्नत कनेक्टिविटी प्रदान करेंगी। एक बार पूरा होने के बाद, यह सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने वाले क्षेत्र में लघु उद्योगों को विकसित करने में मदद करेगी। इन राज्यों के लोगों को काफी कम लागत पर आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध आपूर्ति सहित देश भर में लंबी दूरी की ट्रेनों की पहुंच मिलेगी।
सदस्य (अवसंरचना) ने 15 मई को अगरतला-अखौड़ा अंतरराष्ट्रीय रेल संपर्क परियोजना का भी निरीक्षण किया, जो निश्चिंतपुर (त्रिपुरा) में अंतरराष्ट्रीय इमिग्रेशन स्टेशन होते हुए बांग्लादेश के अखौड़ा स्टेशन को जोड़ेगी। यह भारत और बांग्लादेश के बीच यात्री और माल दोनों विनिमय के लिए एक दोहरी गेज स्टेशन होगा।
यह रेल संपर्क पर्यटन क्षेत्र को काफी बढ़ावा देगा, व्यापार और वाणिज्य को गति मिलेगी तथा दोनों देशों के सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।