धमतरी, 13 मई (हि.स.)।भूजल स्तर गिरने से बोरपंप में पानी की धार पतली हो गई है। रूक-रूककर पानी आ रहा है। इसी पंप में पूरा गांव निर्भर है। सुबह व शाम को पानी के लिए महिलाओं की लंबी कतार लगती है। पेयजल संकट से गुजर रहे ग्रामीण कलेक्ट्रेट पहुंचकर पेयजल संकट के समाधान करने व बोरपंप खनन की गुहार लगाई है। गंगरेल बांध के करीब होकर भी ग्रामीण पानी के लिए तरस रहे हैं, यह बड़ी चिंता का विषय है।
मोहलई सरपंच हेमलता नेताम, ग्रामीण संतोषी बाई, मधु नेताम, रायसिंग, जिलेराम, नंद कुमार, मन्नूराम, दयालूराम, गयाराम, फागूराम, बिमला बाई, खेमलता, उत्तरा बाई, लक्ष्मी आदि ग्रामीण 13 मई को कलेक्ट्रेट पहुंचे। कलेक्टर के नाम सौंपे ज्ञापन में ग्रामीणों ने बताया है कि मई माह शुरू होने के बाद गांव में पेयजल संकट शुरू हो चुका है। गंगरेल बांध किनारे रहने के बाद भी गांव का भू जल स्तर नीचे चला गया है। गांव में पेयजल के लिए एकमात्र बोर है, जो गर्मी के कारण सूख गया है। रूक-रूककर पानी आता है। वहीं किसानों के खेत-खलिहानों में लगे अन्य बोर भी अब जवाब दे दिया है। इससे ग्रामीणों की परेशानी बढ़ गई है।
ग्रामीणों ने बताया कि भीषण गर्मी के दिनों में उन्हें एक-एक बाल्टी पानी के लिए भटकना पड़ रहा है, जबकि अभी गर्मी में जून का महीना बाकी है। उन्होंने कलेक्टर से गांव के बोर में अतिरिक्त पाइप डालकर पेयजल उपलब्ध कराने की मांग की है। उनकी बातों को सुनने के बाद अधिकारी ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। वहीं ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मोहलई में पेयजल समस्या से निबटने के लिए नया बोर खनन की मांग की है। यदि गांव में नया बोर खनन कर दिया जाए तो उनकी पेयजल और निस्तारी की जरूरतें पूरी हो सकती है।