जनता के साथ फेरब था अनुच्छेद 370, स्टेटहुड से होगा कश्मीर का विकास: अल्ताफ बुखारी

नई दिल्ली, 12 मई (हि.स.)। लोकसभा चुनाव के लिए जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी (जेकेएपी) भी ताल ठोक रही है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व वित्त मंत्री अल्ताफ बुखारी की पार्टी जेकेएपी ने जफर इकबाल मन्हास को अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट और अशरफ मीर को श्रीनगर लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। जेकेएपी बारामूला लोकसभा सीट पर पीपल्स कॉन्फ्रेंस के उम्मीदवार को समर्थन दे रही है। घाटी में अनुच्छेद 370 और स्टेटहुड के विमर्श के इर्द-गिर्द चुनावी अखाड़े में पहली बार किस्मत आजमा रही अपनी पार्टी मानती है कि अब यहां के हालात बेहतर हैं। इसका श्रेय भी वे सुरक्षा बलों के साथ केन्द्र सरकार को देती है। कश्मीर घाटी की सियासी फिजा को लेकर जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी ने हिन्दुस्थान समाचार न्यूज एजेंसी की विशेष संवाददाता विजयालक्ष्मी से खास बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कश्मीर की आवाम के फायदे में लिए गए गृह मंत्री अमित शाह के फैसले की तारीफ भी की। पेश है बातचीत के मुख्यअंश-

प्रश्न- अनुच्छेद 370 को कैसे देखते हैं, जब इसे हटाया गया था तब आप इसके खिलाफ थे और हाउस अरेस्ट थे।

उत्तर- अनुच्छेद 370 कश्मीर की आवाम के लिए फरेब था। अवाम को हमेशा लगता था कि अनुच्छेद 370 कश्मीर को स्पेशल पावर दे रहा है। इसको लेकर मुफ्ती परिवार और अब्दुल्ला परिवार अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकते रहे। लेकिन जब कश्मीर के इस स्पेशल अनुच्छेद 370 को चंद मिनटों में देश के गृहमंत्री अमित शाह ने हटा दिया तब एहसास हुआ कि यह तो आवाम के लिए फरेब था। इसे बस राजनीति के लिए अपने-अपने हिसाब से इस्तेमाल किया जाता रहा और तब की केंद्र सरकार कश्मीर की राजनीति में अपना वर्चस्व बनाए रखने के लिए इसे टूल की तरह इस्तेमाल करती रही। कश्मीर की जनता के साथ हम सभी बेवकूफ बनते रहे।

प्रश्न – क्या आप अनुच्छेद 370 हटने से खुश हैं?

उत्तर- राजनीति को एक तरफ रखते हुए मुझे लगता है कि इससे यहां की आवाम को खुश होना चाहिए। अगर वे खुश नहीं होते तो उस समय घाटी में हंमागा होता, शहर बंद होते, लोग सड़कों पर होते, पत्थरबाजी होती और कश्मीर नफरत की आग में जल रहा होता, मगर ऐसा कुछ नहीं होने का मतलब है कि जनता अनुच्छेद 370 के हटाने से खुश है। कश्मीर घाटी के लोग अमन-चैन चाहते थे, आज वो बहाल है। पिछले पांच साल में ऐसी कोई बड़ी घटना नहीं हुई, स्कूल अब लगातार खोले जाते हैं, बाजारों मे रौनक है। तो आवाम को यही चाहिए कि उनके बच्चे सुरक्षित रहें।

प्रश्न- आप महबूबा मुफ्ती के साथ काफी साल तक रहे, फिर अपनी पार्टी बनाई। उनसे अलग होने की क्या वजह रही।

उत्तर- अनुच्छेद 370 को लेकर महबूबा मुफ्ती हमेशा झूठ बोलती रही हैं और अब भी झूठ बोल रही हैं कि वो इसे वापस लाकर रहेंगी। जो अब संभव नहीं है। आवाम के हक में अब फैसले होने चाहिए जिसमें उनकी तरक्की हो, लेकिन मेहबूबा अपने राजनीतिक फायदे के लिए लोगों को बरगला रही हैं। अनुच्छेद 370 कुरान के खिलाफ है। कुरान बेटियों को भी संपत्ति में हक देता है लेकिन जिनकी शादियां बाहर होती है उन्हें इससे महरूम रखा जाता है। लेकिन मुफ्ती साहिबा कभी समझी ही नहीं। अब मुद्दा कश्मीर को राज्य का दर्जा दिलाने का है।

प्रश्न- आपकी पार्टी चार साल पुरानी पार्टी है, इस बार लोकसभा चुनाव में आपकी पार्टी के दो उम्मीदवार मैदान में हैं। क्या मुद्दे लेकर आवाम के बीच जा रहे हैं।

उत्तर- पुरानी और नई राजनीतिक पार्टी से कोई फर्क नहीं पड़ता, मुझे लगता है कि आवाम अब अपनी भलाई अच्छी तरह समझती है। उन्हें अब घाटी में अमन-चैन चाहिए, उनके बच्चे स्कूलों में पढ़ाई करें, नौजवानों की जिदंगी सुरक्षित होने के साथ उन्हें रोजगार मिले। अपनी पार्टी भी इस बार चुनावी मैदान में कश्मीर के विकास को लेकर आई है। इसके साथ राज्य का दर्जा भी मिलना चाहिए। जिससे कश्मीर के लोगों का भरोसा दिल्ली पर और पुख्ता होगा। कश्मीर की खुशहाली जिसमें विकास और विरासत की खुशबू शामिल हो। अमन का पैगाम हो यही कश्मीर चाहिए सभी को जिसका ख्वाब हमने देखा और वो पूरा भी हो कर रहेगा।

प्रश्न- आपकी पार्टी को महबूबा मुफ्ती और शेख अब्दुला भाजपा की बी टीम बता रही है।

उत्तर- जो खुद भाजपा की बी टीम है वो दूसरों पर आरोप लगा रही है। वास्तव में ये पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस थीं, जिन्होंने पूर्व में भाजपा के साथ हाथ मिलाया। अपनी पार्टी वंशवाद की राजनीति में विश्वास नहीं रखती। हम पर हमेशा आरोप लगता रहा है कि हम भाजपा की बी टीम हैं लेकिन जब वह भाजपा के साथ गठबंधन कर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठी थीं तब क्या वह भाजपा की बी टीम नहीं थीं। इनके पास कोई मुद्दा नहीं है और यह लोग अब एक्सपोस हो चुके हैं।

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