अगरतला, 10 मई: अक्षय तृतीया आज। यह खास दिन हर साल बोइशाख महीने के शुक्लपक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। प्रथम बैसाख की तरह अक्षय तृतीया के दिन हलखाता यात्रा भी आयोजित की जाती है। इस दिन, कई व्यवसायी मंदिरों या दुकानों पर पूजा करते हैं और व्यवसाय की नई किताबें लिखते हैं। शुभ दिन पर लक्ष्मीनारायण मंदिर में सुबह से ही भीड़ देखने को मिलती है।
प्रसंगवश, अक्षय शब्द का अर्थ है जिसका क्षय न हो यानी शाश्वत। अक्षय तृतीया को विवाह, गृह प्रवेश, उपनयन जैसे किसी भी शुभ कार्य के लिए उत्तम माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन जो कुछ भी किया जाता है वह अक्षय तृतीया के दिन सोना और चांदी खरीदने का चलन है। कुबेर की तपस्या से प्रसन्न होकर देवदेव महादेव ने एक विशेष दिन पर अतुल को धन-संपत्ति दी। ऐसा माना जाता है कि अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने और कुबेर की पूजा करने से दुनिया में सुख और समृद्धि आती है। इसलिए व्यापारी हलखाता लेकर लक्ष्मीनारायण के घर पूजा करते हैं।