नई दिल्ली ३१ मार्च : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज पूर्व उपप्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न प्रदान किया। वयोवृद्ध नेता श्री आडवाणी के आवास पर जाकर उन्हें यह सम्मान दिया गया। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व उप-राष्ट्रपति वैंकेया नायडू, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह और श्री आडवाणी के परिवारजन उपस्थित थे।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा है कि भारतीय राजनीति के पुरोधा लालकृष्ण आडवाणी ने सात दशकों से अधिक समय तक पूर्ण समर्पण और असाधारण कौशल के साथ देश की सेवा की। 1927 कराची में जन्मे श्री आडवाणी पाकिस्तान के विभाजन के बाद 1947 में भारत आए थे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि श्री आडवाणी ने सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के दृष्टिकोण से दशकों तक कडी मेहनत से काम किया और देश के सामाजिक, आर्थिक परिदृश्य में बदलाव किया। जब आपातकाल ने भारत के लोकतंत्र को खतरे में डाल दिया, तो उनके भीतर के अदम्य योद्धा ने इसे सत्तावादी शक्तियों से बचाने में सहायता की।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि एक सांसद के रूप में श्री आडवाणी के संवाद में विश्वास ने संसदीय परंपराओं को समृद्ध किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के रूप में श्री आडवाणी ने हमेशा राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि रखा जिससे उन्होंने लोगों से राजनीति से ऊपर उठकर सम्मान और प्रशंसा हासिल की। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि भारत के सांस्कृतिक पुर्नजागरण के लिए श्री आडवाणी का लंबा और अथक संघर्ष 2024 में अयोध्या में श्रीराम मंदिर के रूप में परिणित हुआ।
राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि श्री आडवानी स्वतंत्रता के बाद उन कुछ राजनीतिक नेताओं में से थे जिन्होंने राष्ट्रीय प्राथमिकताओं को नया आकार देने और देश को विकास के पथ पर आगे ले जाने में सफलता हासिल की।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा है कि श्री आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने को देखना बहुत विशेष अवसर था। उन्होंने कहा कि श्री आडवाणी को यह सम्मान प्रदान करना, देश की प्रगति में उनके योगदान को मान्यता प्रदान करना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सार्वजनिक सेवा के प्रति श्री आडवाणी का समर्पण और आधुनिक भारत के निर्माण में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका ने इतिहास में अमिट छाप छोडी है। श्री मोदी ने कहा कि उनके लिए यह गर्व की बात है कि उन्हें कई दशकों तक श्री आडवाणी के निकट रहकर काम करने का अवसर मिला।