हाल के वर्षों में भारत की अर्थव्यवस्था और साथ ही साथ देश का वैश्विक सम्मान तथा विश्वसनीयता कई गुना बढ़ी है- उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़

नई दिल्ली ०२ दिसम्बर : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा है कि हाल के वर्षों में भारत की अर्थव्यवस्था और साथ ही साथ देश का वैश्विक सम्मान तथा विश्वसनीयता कई गुना बढ़ी है। श्री धनखड़ ने आज नई दिल्ली में आकाशवाणी में प्रतिष्ठित डॉ राजेन्द्र प्रसाद स्मारक व्याख्यान देते हुए यह बाद कही। उन्होंने कहा कि आज दुनिया के देश भारत को सुनना चाहते हैं और उसके विचारों का सम्मान करते हैं और पूरी दुनिया भारत के युवाओं के कौशल और प्रतिभाओं का लोहा मानती है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत की अध्यक्षता में अफ्रीकी संघ को जी-20 की सदस्यता मिली जो दुनिया में भारत की बढ़ती विश्वसनीयता और प्रतिष्ठा का परिणाम है।

उपराष्ट्रपति ने कहा, एक दशक पहले भारतीय अर्थव्यवस्था पांच नाजुक अर्थव्यवस्थाओं में गिनी जाती थी, लेकिन आज यह दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। उन्होंने कहा कि 140 करोड़ देशवासियों की कड़ी मेहनत और कुशल नेतृत्व के कारण देश ने यह उपलब्धि हासिल की है। श्री धनखड़ ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत चंद्रमा के दक्षिणी छोर तक पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। उन्होंने यह भी कहा, देश ने डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे और डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में कई उपलब्धियां हासिल की हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम को लेकर उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा, रेडियो के इतिहास में शायद यह पहला कार्यक्रम है, जो इतना नियमित है और 107 कडियों का सफर पूरा कर चुका है। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री ने देशवासियों से संवाद के लिए रेडियो को चुना और इसके माध्यम से संचार क्रांति पैदा की। श्री धनखड़ ने यह भी कहा कि मन की बात देश के जन की बात बन गई है और लोगों के दिलों तक पहुंचती है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि किसी भी देश और उसकी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए कुछ बुनियादी वस्तुओं का उत्पादन आवश्यक है। उन्होंने कहा, बहुत दुख होता है जब भारत मोमबत्तियां, लैंप, बच्चों के खिलौने और पतंग जैसी छोटी-छोटी चीजें आयात करता है। श्री धनखड़ ने कहा, आज, जब भारत आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभर रहा है हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि लोग देश की जड़ों और संस्कृति से जुड़े रहें। उन्होंने नागरिकों से देश की छवि खराब करने वाले लोगों के प्रयासों को विफल करने का भी आह्वान किया।

श्री धनखड़ ने कहा कि देश के युवा इस अमृतकाल में भारत को शीर्ष पर ले जाने की ताकत रखते हैं। उन्होंने कहा कि भारत का विश्व गुरु के रूप में फिर से तभी उभरेगा जब देश का प्रत्येक व्यक्ति इस अवधि को कर्तव्य काल समझकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेगा। श्री धनखड़ ने कहा कि वर्तमान समय में देश को भ्रष्टाचार और वंशवाद जैसी समस्याओं से मुक्ति दिलाने का प्रयास किया जा रहा है।

डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेमोरियल लेक्चर का आयोजन आकाशवाणी द्वारा भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की स्मृति में किया जाता है, जो सादगी के प्रतीक, प्रसिद्ध विद्वान और महान दूरदर्शी थे, और उनके मन में भारत और भारतीयता सर्वोपरि थी। कार्यक्रम में सूचना और प्रसारण सचिव अपूर्व चंद्रा, प्रसार भारती के मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी गौरव द्विवेदी, आकाशवाणी समाचार की प्रधान महानिदेशक डॉ. वसुधा गुप्ता और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

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