प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा – ‘वोकल फॉर लोकल’ की सफलता एक विकसित और समृद्ध भारत के द्वार खोल रही है

नई दिल्ली २६ नवंबर : स्थानीय उत्‍पादों को प्रोत्साहन देने के बारे में श्री मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में कहा कि देश की एक सौ चालीस करोड जनता कई परिवर्तनों का नेतृत्व कर रही है। उन्होंने कहा कि त्योहारों के समय इसका प्रत्यक्ष उदाहरण सबने देखा जब लोगों ने स्थानीय उत्‍पाद खरीदे और वोकल फॉर लोकल को प्रोत्‍साहन दिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में दीपावली, भैया दूज और छठ पूजा के दौरान देश में चार लाख करोड रुपये से अधिक का कारोबार हुआ। उन्होंने प्रसन्नता व्‍यक्‍त की कि अब बच्‍चे भी खरीदारी करते समय यह देखने लगे हैं कि उसमें मेड इन इंडिया लिखा है या नहीं। श्री मोदी ने कहा कि ऑनलाइन खरीदारी के समय भी लोग उस देश का नाम देखना नही भूलते जहां वह उत्पाद बनाया गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वोकल फॉर लोकल की सफलता विकसित भारत- समृद्ध भारत के द्वार खोल रही है। उन्होंने कहा कि वोकल फॉर लोकल अभियान से पूरे देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होती है, यह रोजगार और विकास की गारंटी है। यह अभियान शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के लोगों को समान अवसर देता है। यह स्थानीय उत्पादों में मूल्यवर्धन का मार्ग भी प्रशस्त करता है। उन्होंने कहा कि यदि वैश्विक अर्थव्यवस्था में उतार-चढाव आता है तो वोकल फोर लोकल का मंत्र हमारी अर्थव्‍यवस्‍था को संरक्षित भी करता है।

श्री मोदी ने कहा कि भारतीय उत्‍पादों के प्रति यह भावना केवल त्‍योहारों तक सीमित नही रहनी चाहिए। उन्‍होंने कहा कि विवाह का मौसम शुरू हो चुका है और कुछ व्यापार संगठनों का अनुमान है कि इस दौरान लगभग पांच लाख करोड रुपये का करोबार हो सकता है। प्रधानमंत्री ने लोगों से आग्रह किया कि विवाह के मौसम के दौरान भारत में बने उत्‍पादों की खरीदारी को महत्‍व दें।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर दुख व्य‍क्‍त किया कि कुछ परिवारों ने विवाह करने के लिए विदेश जाने का चलन शुरू कर दिया है। उन्‍होंने कहा कि यदि भारत में ही विवाह किया जाय तो देश का पैसा देश में रहेगा। उन्‍होंने आशा व्‍यक्‍त की लोग इस बात पर गौर करेंगे और विदेशों के बजाय भारत में विवाह को वरीयता देंगे।

श्री मोदी ने इस बात पर संतोष व्‍यक्‍त किया कि लगातार दूसरे वर्ष दीपावली के अवसर पर नकद देकर खरीदारी करने का चलन कम हुआ है। उन्‍होंने कहा कि लोग अब ज्‍यादा से ज्‍यादा डिजिटल भुगतान कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि लोगों को नकद के बजाय यूपीआई या अन्‍य डिजिटल माध्‍यम से ही भुगतान करना चाहिए। उन्‍होंने लोगों से आग्रह किया कि एक महीने तक ऐसा करने के बाद इस अनुभव को फोटो सहित साझा करें।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 2022 में भारतीयों के पेटेन्‍ट आवेदन में 31 प्रतिशत से अधिक वृद्धि हुई है। उन्‍होंने कहा कि विश्‍व बौद्धिक सम्‍पदा संगठन की रिपोर्ट के अनुसार पेटेंट फाइल करने में सबसे आगे रहने वाले शीर्ष दस देशों में भी ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। उन्होंने इस शानदार उपलब्धि के लिए युवाओं को बधाई दी। उन्होंने युवाओं को विश्‍वास दिलाया कि देश हर कदम पर उनके साथ है। उन्‍होंने कहा कि सरकार के प्रशासनिक और कानूनी सुधारों के बाद आज देश के युवा नई ऊर्जा के साथ बडे पैमाने पर नवाचार से जुडे हैं। उन्‍होंने कहा कि भारत के पेटेंट को दस वर्ष पहले की तुलना में अब दस गुना अधिक मंजूरी मिल रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पेटेंट से देश की बौद्धिक सम्पदा बढ़ने के साथ नये – नये अवसरों के द्वार भी खुलते हैं। उन्होंने कहा कि इससे भारत की स्‍टार्टअप ताकत और क्षमता भी बढ़ती है।

श्री मोदी ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि स्‍कूली बच्‍चों में भी नवाचार की भावना को बढावा मिला है। उन्होंने कहा कि अटल टिंकरिंग लैब, अटल नवाचार मिशन, कॉलेजों में इन्‍क्‍यूबेशन सेन्‍टर और स्टार्टअप इंडिया अभियान ऐसे निरंतर प्रयासों के परिणाम देशवासियों के सामने है। उन्‍होंने कहा कि यह भारत की युवा शक्ति और नवाचार शक्ति का प्रत्‍यक्ष उदाहरण है। प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि देश विकसित बनने का संकल्‍प पूरा करेगा और जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान को प्रोत्साहन देगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि संस्‍कृति मंत्रालय ने हाल ही में मेलों के संबंध में प्रतियोगिता आयोजित की थी। इस प्रतियोगिता में हजारों लोगों ने भागीदारी की और पुरस्‍कार जीते। कोलकाता निवासी राजेश धर ने ग्रामीण अंचल में लोकप्रिय चरक मेला में गुब्बारे और खिलौने बेचने वाले की अद्भुत फोटो के लिए पुरस्कार जीता। वाराणसी की होली को दिखाने के लिए अनुपम सिंह ने मेला पोर्ट्रेट का पुरस्‍कार जीता। प्रधानमंत्री ने कहा कि कुलसाईं दशहरे से जुडे आकर्षक पहलू को दिखाने के लिए अरण कुमार नलिमेला को पुरस्कृत किया गया। पंढरपुर की भक्ति को दर्शाने वाली फोटो सबसे ज्‍यादा पसंद की गई जिसे महाराष्‍ट्र से राहुल ने भेजा।

श्री मोदी ने कहा कि इस प्रतियोगिता में मेलों के दौरान मिलने वाले स्थानीय व्‍यंजनों की अनेक तस्‍वीरें मिली। उन्‍होंने कहा कि पुरलिया के आलोक अविनाश ने मेले के दौरान बंगाल के ग्रामीण क्षेत्रों के खानपान की तस्वीर के लिए पुरस्‍कार जीता। भगोरिया महोत्‍सव के दौरान कुल्‍फी का आनंद ले रही महिलाओं की तस्‍वीर के लिए प्रणब बसाख को पुरस्‍कृत किया गया। छत्‍तीसगढ के जगदलपुर में गांव के मेले में भजिया का स्वाद ले रही महिलाओं का फोटो भेजकर रूमेला ने पुरस्कार जीता।

प्रधानमंत्री ने प्रत्‍येक गांव, स्‍कूल और पंचायत से नियमित रूप से ऐसी प्रतियोगिताएं आयोजित करने का आग्रह किया। उन्‍होंने कहा कि सोशल मीडिया में असीम ताकत है और प्रौद्योगिकी घर-घर पहुंच रही है। श्री मोदी ने कहा कि इसके जरिए स्‍थानीय पर्व या उत्‍पाद वैश्विक बनाए जा सकते हैं।

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