नई दिल्ली 20 नवंबर : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज संताली लेखकों का आह्वान किया कि वे ऐसी पुस्तकें लिखे, जिनसे संताली भाषा के बारे में नई पीढ़ी के बच्चों में रुचि पैदा हो। बारीपदा में अखिल भारतीय संताली लेखक संघ के 36वें वार्षिक सम्मेलन और साहित्योत्सव का उद्घाटन करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि संताली-भाषी लोगों को सर्वप्रथम अपनी भाषा से प्रेम करना चाहिए और इसे लोकप्रिय बनाने के लिए काम करना चाहिए।
उन्होंने संताली समुदाय और भाषा के समृद्ध इतिहास और पंरपरा को बनाए रखने के लिए इस भाषा के लेखकों के कठिन परिश्रम की सराहना की।
संताली एक मुंडा भाषा है, जो मुख्य रूप से भारत के पूर्वी-मध्यवर्ती राज्यों ओडिशा, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और झारखंड में बोली जाती है। भारत और पड़ोसी देश बांग्लादेश तथा नेपाल में 70 लाख से अधिक संताली भाषी हैं।
राष्ट्रपति मयूरभंज और संबलपुर जिलों में विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के लिए ओडिशा की तीन दिन की यात्रा पर है। वे मयूरभंज जिले से सम्बद्ध है। श्रीमती मुर्मु आज तीसरे पहर मयूरभंज जिले के कुलियाना कस्बे में एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूल का उद्घाटन करेंगी।