नई दिल्ली 30 अक्टूबर: सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली आबकारी घोटाले में आम आदमी पार्टी के नेता और पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी है। 17 अक्टूबर तक फैसले को सुरक्षित रखने वाली न्यायाधीश संजीव खन्ना और एस.वी.एन. भट्टी की खण्डपीठ ने आज यह फैसला सुनाया। यह मामला आबकारी नीति में भ्रष्टाचार और धन शोधन से जुड़ा है।
श्री सिसोदिया को इस घोटाले में उनकी कथित भूमिका के लिए 26 फरवरी को केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो – सी.बी.आई. ने गिरफ्तार किया था। तब से वे हिरासत में हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने तिहाड़ जेल में श्री सिसोदिया से पूछताछ करने के बाद 9 मार्च को सी.बी.आई. की प्राथमिकी से जुड़े धन शोधन मामले में उन्हें गिरफ्तार किया था। श्री सिसोदिया ने 28 फरवरी को दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने 30 मई को सी.बी.आई. मामले में श्री सिसोदिया को जमानत देने से इन्कार कर दिया। दिल्ली उच्च न्यायालय ने यह कहते हुए यह फैसला सुनाया कि वे पूर्व उप-मुख्यमंत्री और आबकारी मंत्री होने के अलावा एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं, जो गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। उच्च न्यायालय ने 3 जुलाई को सरकार की आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में श्री सिसोदिया को जमानत देने से यह कहते हुए इंकार कर दिया कि उन पर चल रहा अभियोग बहुत ही गंभीर प्रकृति का है। दिल्ली सरकार ने 17 नवम्बर 2021 को इस नीति को क्रियान्वित किया था। लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों को बीच सितंबर 2022 की समाप्ति पर इसे निरस्त कर दिया।