नई दिल्ली, 12 अक्टूबर: जलवायु परिवर्तन से निपटने में हर किसी की जीवनशैली की बड़ी भूमिका है। यह बात सांसद बिप्लब कुमार देब ने आज दिल्ली के जेसोभूमि में संसदीय फोरम ऑन लाइफ (लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट) नामक बैठक में भाग लेते हुए कही। उन्होंने पी20 शिखर सम्मेलन में सत्र के लिए नामांकित होने के लिए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को भी धन्यवाद दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को नई दिल्ली में 9वें जी-20 संसदीय अध्यक्ष शिखर सम्मेलन (पी-20) का उद्घाटन करेंगे।
बिप्लब कुमार देव ने सोशल मीडिया पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वैश्विक कार्रवाई में भारत का नेतृत्व इस कदम को वैश्विक जन आंदोलन के रूप में तेज करने में विशेष भूमिका निभाएगा।
सत्र के भाषण में श्री देव ने कहा, प्रकृति का सम्मान और प्रकृति की सुरक्षा हमारी आत्मा है. 5000 साल पुरानी भारतीय संस्कृति इस सिद्धांत पर विश्वास करती है कि ‘पौधों में भगवान का वास है’। कवि रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा रचित भारत के राष्ट्रगान में ‘विंध्य, हिमाचल, यमुना, गंगा’ का उल्लेख किया गया है। मिशन लाइफ- ‘पर्यावरण के लिए जीवन’ 2021 में आयोजित COP-26 शिखर सम्मेलन में, भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पूरी दुनिया को जोड़ने के लिए जलवायु मिशन जीवन का संदर्भ – पर्यावरण अभियान के लिए जीवन शैली प्रस्तावित किया गया था।
उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन से निपटने में हर किसी की जीवनशैली की बड़ी भूमिका है। मिशन लाइफ – ‘पर्यावरण के लिए जीवन शैली’ – उपयोग और अपशिष्ट अर्थव्यवस्था के बजाय एक चक्रीय अर्थव्यवस्था स्थापित करने के लक्ष्यों में से एक है। जिसका उद्देश्य यह है कि कैसे हम सभी अपने दैनिक जीवन में छोटी लेकिन प्रभावशाली पहल करके जलवायु परिवर्तन से लड़ने के वैश्विक अभियान में शामिल हो सकते हैं।
संदर्भ का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, प्राइवेट मेंबर बिल का मकसद देश के स्कूलों में मिशन जीवन की शिक्षा देना है. विद्यालय स्तर की शिक्षा के माध्यम से जब भावी पीढ़ियों को मिशन जीवन की जानकारी दी जायेगी तो उनमें इसके कल्याण हेतु विचार एवं मानसिकता विकसित होगी।
‘वसुधिव कुटुंबकम – एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ की भावना के साथ, यह आयोजन मुख्य रूप से जटिल वैश्विक मुद्दों के लिए सर्वसम्मति-आधारित समाधान प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करेगा l महिलाओं के नेतृत्व में विकास, सार्वजनिक डिजिटल प्लेटफार्मों के माध्यम से लोगों के जीवन में बदलाव l G के अलावा इस सम्मेलन में 20 देश, 10 अन्य देश और अंतर्राष्ट्रीय संगठन भाग लेंगे