महिला आरक्षण विधेयक का पारित होना इस बात का संकेत है कि देश को आगे ले जाने के लिए पूर्ण बहुमत वाली एक सशक्त और निर्णायक सरकार की जरूरत: प्रधानमंत्री

नई दिल्ली २२ सितम्बर : प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा है कि महिला आरक्षण विधेयक या नारी शक्ति वंदन अधिनियम एक साधारण कानून नहीं है, बल्कि नये भारत की नई लोकतांत्रिक प्रतिबद्धता की घोषणा है। नई दिल्‍ली के भाजपा मुख्‍यालय में नारी शक्ति वंदन अभिनन्दन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने संसद में इस विधेयक के पारित होने पर देश की सभी महिलाओं को बधाई दी है। उन्‍होंने कहा कि इस निर्णय को लेकर उत्‍सव मनाया जाएगा और आने वाली पीढियां इसे याद करेंगी। उन्‍होंने इस ऐतिहासिक विधेयक को पूरे उत्‍साह के साथ पारित करवाने के लिए दोनों सदनों, सभी राजनीतिक पार्टियों और सांसदों को धन्‍यवाद भी दिया। प्रधानमंत्री ने कहा है कि इससे पहले इस विधेयक को पारित कराने के लिए कोई प्रयास नहीं किये गए, लेकिन इस विधेयक को लेकर हर कोई दिखावा करते रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि इस विधेयक का पारित होना इसका संकेत है कि देश को आगे ले जाने के लिए पूर्ण बहुमत की एक सशक्‍त और निर्णायक सरकार की जरूरत है।
श्री मोदी ने कहा कि इस विधेयक को पारित कराने के लिए सरकार ने दशकों पुरानी बाधाओं से पारदर्शिता और नेक नीयत के साथ निपटकर सकारात्मक परिणाम हासिल किए हैं।

महिला सशक्तिकरण के लिए सरकार की विभिन्‍न पहलों का उल्‍लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मातृ वंदना योजना के जरिये गर्भवती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली माताओं को उनके बैंक खातों में सीधे धन प्राप्‍त हुए हैं। उन्‍होंने कहा कि सरकार मातृत्व मृत्‍यु दर नियंत्रित करने पर विशेष ध्‍यान भी दे रही है। श्री मोदी ने कन्‍या भ्रूण हत्‍या को रोकने में बेटी बचाओ-बेटी पढाओ योजना के महत्‍व और देश में स्त्री-पुरुष अनुपात सुधारने पर बल दिया है।

इस अवसर पर भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जे.पी. नड्डा ने कहा कि महिलाओं को सशक्‍त बनाने पर केन्द्रित निर्णय भारत के परिदृश्‍य में परिवर्तन लाएंगे।

संसद ने 128 वां संविधान संशोधन विधेयक 2023 पारित कर दिया। यह विधेयक लोकसभा, राज्‍य विधानसभाओं और दिल्‍ली विधानसभा में महिलाओं के लिए कुल सीटों की एक तिहाई सीटों पर आरक्षण का प्रावधान करता है।

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