नई दिल्ली 21 सितम्बर: महिलाओं के लिए आरक्षण संबंधी विधेयक पर राज्यसभा में चर्चा शुरू हो गई है। विधेयक में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक-तिहाई सीटें आरक्षित करने का प्रावधान है। विधि और न्याय मंत्री अर्जुन मेघवाल ने आज 128 वां संविधान संशोधन विधेयक ऊपरी सदन में पेश किया। लोकसभा इस विधेयक को पहले ही पास कर चुकी है।
श्री मेघवाल ने कहा कि विधेयक से देश में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह विधेयक अमृत काल में भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। श्री मेघवाल ने उज्ज्वला योजना, मुद्रा योजना और महिलाओं के लाभ के लिए अन्य कल्याण कार्यक्रम शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की।
उन्होंने कहा कि अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों से संबंधित महिलाओं को भी वर्तमान कोटे के अंतर्गत 33 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया जाएगा। इसके लिए जनगणना और परिसीमन आवश्यक होगा।
भारतीय जनता पार्टी के नेता जगत प्रकाश नड्डा ने विश्वास व्यक्त किया कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम, जिसे लोकसभा कल पारित कर चुकी है, राज्यसभा में भी सर्वसम्मति से पारित होगा। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में महिलाओं की हमेशा महत्वूर्ण भूमिका रही है। श्री नड्डा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी कोई राजनीतिक लाभ नहीं लेना चाहती, लेकिन महिलाओं का सशक्तिकरण चाहती है। उन्होंने कहा कि पिछले नौ वर्षों में नरेन्द्र मोदी सरकार ने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कई उपाय किए हैं।
विधेयक का समर्थन करते हुए कांग्रेस नेता सुश्री रंजीत रंजन ने कहा कि संसद में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ना चाहिए, लेकिन उन्होंने महिला आरक्षण विधेयक संसद में देरी से पेश किए जाने पर सवाल उठाया। तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन, डीएमके की नेता डॉ. कनिमोझी सोमू और आम आदमी पार्टी के नेता संदीप कुमार पाठक ने भी चर्चा में हिस्सा लिया। सदन में विधेयक पर बहस जारी है।
महिला आरक्षण विधेयक के मद्देनजर राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने एक ऐतिहासिक पहल करते हुए उपाध्यक्षों के पैनल में सभी महिलाओं को शामिल किया है। 13 महिला सदस्यों का ये पैनल केवल आज के लिए बनाया गया है, क्योंकि आज राज्यसभा में महिला आरक्षण विधेयक-नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023 पर चर्चा जारी है। इस पैनल में पीटी उषा, जया बच्चन, सरोज पांडे, डोला सेन, सुलता देव और डॉ. फौजिया खान शामिल हैं। सभापति ने कहा है कि इन महिलाओं के पैनल से विश्व को एक सशक्त संदेश जाऐगा और यह इस बात का प्रतीक होगा कि परिवर्तन के इस युगांतरकारी क्षण में उन्होंने एक प्रभावशाली स्थिति की बागडोर संभाली है।