नई दिल्ली 20 सितम्बर: लोकसभा में महिला आरक्षण पर चर्चा शुरू हो गई है। विधेयक में लोकसभा और राज्य विधानसभाओें में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित करने का प्रावधान है। संविधान (128वां) संशोधन विधेयक-2023 कल नये संसद भवन में लोकसभा की कार्यवाही के पहले दिन पेश किया गया था। प्रस्तावित कानून को नारी शक्ति वंदन अधिनियम कहा जाएगा। विधेयक पेश करते हुए केन्द्रीय विधि और न्याय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने इसे महिला सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने कहा कि इससे महिलाओं की गरिमा और समानता के अवसरों में वृद्धि होगी। श्री मेघवाल ने कहा कि सरकार ने देश में सामाजिक और आर्थिक असमानताएं दूर करने के लिए अनेक उपाय किए हैं।
बहस की शुरूआत करते हुए कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने कहा कि उनकी पार्टी विधेयक का समर्थन करती है। उन्होंने कहा कि भारतीय नारी का धैर्य समुद्र के समान है और उन्होंने नदी की तरह सबके कल्याण के लिए काम किया है। सरोजिनी नायडू, अरूणा आसफ अली, राजकुमारी अमृत कौर जैसी महान विभूतियों के योगदान की याद दिलाते हुए श्रीमती सोनिया गांधी ने कहा कि महिलाओं ने स्वतंत्रता आंदोलन और आधुनिक भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया। श्रीमती गांधी ने मांग की कि जाति-जनगणना शीघ्र कराई जाए और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछडे वर्गों के उप कोटे के साथ महिला आरक्षण विधेयक तत्काल लागू किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि इस विधेयक को देरी से लागू करना भारतीय महिलाओं के प्रति अन्याय है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस विधेयक के प्रभावकारी कार्यान्वयन के मार्ग में आने सभी रुकावटें अवश्य दूर करनी चाहिए।
डीएमके नेता कणि मोझी करुणानिधि ने भी विधेयक का समर्थन किया, उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक भारतीय जनता पार्टी का चुनावी वायदा था, फिर भी कई नेताओं को उनसे विधेयक लाने और इसे पारित करने का अनुरोध करना पडा।
जनता दल यूनाइटेड के राजीव रंजन सिंह ने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक के अंतर्गत अन्य पिछले वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षण का प्रावधान किया जाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार जाति-आधारित जनगणना का विरोध कर रही है।
तृणमूल कांग्रेस की नेता डॉ. काकोली घोष दस्तीदार ने महिलाओं के खिलाफ ज्यादतियों का मुद्दा उठाया और ऐसा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
भाजपा सांसद डॉ. निशिकांत दुबे ने कहा कि विधेयक के प्रावधान निश्चित रूप से लागू किए जाएंगे। कांग्रेस के आरोपों का खंडन करते हुए उन्होंने कहा कि जाति-गणना और सीटों का परिसीमन शीघ्र कराया जाएगा और तदनुसार उनके लिए आरक्षण प्रदान किया जाएगा।
वाईएसआर कांग्रेस की गीता विश्वानाथ, बीजू जनता दल की राजश्री मलिक, बहुजन समाज पार्टी की संगीता आजाद और अन्य सदस्यों ने भी विधेयक के बारे में अपने विचार रखे। बहस अभी जारी है…