नई दिल्ली 19 सितम्बर: नये संसद भवन को भारत के संसद भवन के रूप में नामित किया गया है। लोकसभा सचिवालय की आज जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि संसद भवन परिसर में स्थित नये भवन को भारत के संसद भवन के रूप में जाना जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सभी दलों के सांसदों ने कल पुराने संसद भवन को विदाई दी। संसद की कार्यवाही आज दोपहर बाद से नए भवन में शुरु हुई।
नए संसद भवन में कार्यवाही स्थानांतरित करने से पहले आज सभी सांसद पुराने संसद भवन के प्रांगण में ग्रुप फोटोग्राफ के लिए एकत्र हुए। राज्यसभा और लोकसभा के सांसदों का संयुक्त ग्रुप फोटोग्राफ लिया गया। इसके बाद राज्यसभा सांसदों का ग्रुप फोटोग्राफ और लोकसभा सांसदों का ग्रुप फोटोग्राफ भी लिया गया। उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौडा तथा डॉ. मनमोहन सिंह पहली पंक्ति में बैठे थे। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, केन्द्रीय मंत्री दोनों सदनों में दलों के नेता तथा लोकसभा और राज्यसभा के महासचिव आगे की पंक्ति में बैठे।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा है कि नया संसद भवन भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता का प्रतिबिंब है तथा राष्ट्रीय गर्व, एकता और पहचान का प्रतीक है। भारतीय संसद की समृद्ध विरासत और दो हजार सैंतालिस तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प से संबंधित संसद के केन्द्रीय कक्ष में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि हम नए संसद भवन में जा रहे हैं तो हमें टकराव की भावना को विदाई देते हुए सहयोग की तरफ आगे बढना चाहिए। श्री धनखड ने कहा कि लोकतंत्र में आचरण के उल्लंघन और नियमों की अपमानजनक अवहेलना को उचित ठहराने की भावना का त्याग करने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि जी-20 के सफल आयोजन से भारत की वैश्विक शक्ति का प्रदर्शन हुआ है।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आज देश नए संसद भवन में नए भविष्य की शुरुआत की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि आज हम नए संसद भवन में विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए जा रहे हैं। श्री मोदी ने कहा कि अब तक लोकसभा और राज्यसभा ने संयुक्त रूप से चार हजार से अधिक कानून पारित किए हैं। उन्होंने कहा कि दहेज उन्मूलन कानून, आतंकवाद रोधी कानून जैसे कई महत्वपूर्ण कानून संसद के केन्द्रीय कक्ष में संयुक्त सत्र में पारित हुए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि मुसलमान माताओं और बहनो को संसद भवन के ही कारण न्याय मिल पाया है, क्योंकि तीन तलाक विरोधी कानून यहीं से पारित हुआ था। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में संसद ने किन्नरों को न्याय दिलाने के लिए काम किया। श्री मोदी ने कहा कि संसद ने संयुक्त रूप से उस कानून को भी पारित किया जो दिव्यांगों के भविष्य को गारंटी देगी। उन्होंने कहा कि यह विशेषाधिकार है कि हमने इसी संसद से अनुच्छेद 370 हटाने का अवसर मिला। श्री मोदी ने कहा कि भारत के युवा जिस तरह से प्रौद्योगिकी क्षेत्र में विश्व में आगे बढ़ रहे हैं, वे पूरे विश्व के लिए आकर्षण का केन्द्र बनते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत ऊर्जा से भरा हुआ है और यह तेजी से वृद्धि कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत विश्व की तीन शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं की ओर बढ़ रहा है। भारतीयों की आकांक्षायें आज नई ऊंचाइयां छू रही है और यहीं सुधार का मुख्य केन्द्र है। श्री मोदी ने कहा कि सामाजिक न्याय के बिना हम लक्ष्य नहीं प्राप्त कर सकते, लेकिन सामाजिक न्याय पर चर्चा सीमित हो गई है और इसे व्यापक किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आत्म निर्भर भारत के संकल्प को पूरा करना आज समय की मांग है। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रत्येक भारतीय नागरिक की आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए सुधार जारी रखने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जब हम नए संसद भवन की ओर जा रहे हैं तो हमें पुराने संसद भवन की गरिमा को नीचे नहीं जाने देना चाहिए। श्री मोदी ने घोषणा की कि पुराना संसद भवन संविधान सदन के नाम से जाना जाएगा।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि हम नए संसद भवन में नई आकांक्षाओं के साथ जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जनता को सांसदों से काफी अपेक्षाए हैं और उन आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने की हमारी जिम्मेदारी हो जाती है। श्री बिडला ने उन महान नेताओं के प्रति आभार व्यक्त किया, जिन्होंने केन्द्रीय कक्ष में संविधान निर्माण में योगदान किया और जिन्होंने सामाजिक, आर्थिक सुधार लाने में कर्तव्यों का निर्वहन किया। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि नया भवन, नए और उभरते भारत का प्रतीक है और इससे 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का मार्ग प्रशस्त होगा।
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने बेरोजगारी के बारे में कहा कि भारत के युवाओं को देश के आर्थिक विकास में योगदान करने के योग्य बनाना आवश्यक है। राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि सांसदों ने कल संसद भवन में अपनी स्मृतियों और अनुभवों को साझा किया और आज हम नए संसद भवन में जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह एक ऐतिहासिक पल है, जो हमारे लिए स्मरणीय रहेगा।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि भारतीय संसद की समृद्ध विरासत को बनाने के लिए सांसद इस ऐतिहासिक केन्द्रीय कक्ष में एकत्र हुए हैं। उन्होंने कहा यही केन्द्रीय कक्ष है, जहां संविधान सभा ने 1946 से 1949 तक अपनी बैठकें की। आज हम डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद, पंडित जवाहरलाल नेहरू और सरदार वल्लभभाई पटेल और बी.आर. अम्बेडकर को भी याद कर रहे हैं।