नई दिल्ली १७ सितम्बर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर नई दिल्ली के यशोभूमि स्थित इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर में पीएम विश्वकर्मा नाम से एक नई योजना की शुरु की। प्रधानमंत्री द्वारका आईआईसीसी पहुंचने के लिए धौला कुआं से मेट्रो में सवार हुए और द्वारका सेक्टर 21 से द्वारका सेक्टर 25 तक एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस लाइन के विस्तार का उद्घाटन किया। श्री मोदी ने द्वारका में ‘यशोभूमि’ भी राष्ट्र को समर्पित किया।
इस अवसर पर श्री मोदी ने कहा कि यह योजना उन लाखों कारीगरों और शिल्पकारों के लिए आशा की किरण है जो हाथों और औजारों से काम करते हैं। प्रधानमंत्री ने यशोभूमि को देश के प्रत्येक श्रमिक और प्रत्येक विश्वकर्मा को समर्पित किया। उन्होंने कहा कि विश्वकर्मा हजारों वर्षों से भारत की समृद्धि के मूल में रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण, प्रौद्योगिकी और उपकरण हमारे कारीगरों के लिए महत्वपूर्ण हैं।
श्री मोदी ने कहा कि विश्वकर्मा भागीदारों को मान्यता देना समय की जरूरत है और उन्हें हर सम्भव सहयोग मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार विश्वकर्माओं के विकास के लिए काम कर रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत 18 विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे विश्वकर्माओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना पर 13 हजार करोड रुपये खर्च करने जा रही है।
बैठकों, सम्मेलनों और प्रदर्शनियों की मेजबानी के लिए विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे के श्री मोदी के दृष्टिकोण को ‘यशोभूमि’ नामक भारत अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन और एक्सपो सेंटर के पहले चरण के शुरु होने के साथ मजबूत किया जाएगा। आठ लाख नब्बे हजार वर्ग मीटर से अधिक के कुल परियोजना क्षेत्र और एक लाख अस्सी हजार वर्ग मीटर से अधिक के कुल निर्मित क्षेत्र के साथ यशो भूमि दुनिया में सबसे बड़े एमआईसीई सुविधाओं के साथ अपनी जगह बनाएगी। 73 हजार वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में बने कन्वेंशन सेंटर में 15 कन्वेंशन रूम हैं। इनमें मुख्य सभागार, भव्य बॉलरूम और 11 हजार प्रतिनिधियों के बैठने की कुल क्षमता वाले 13 बैठक कक्ष शामिल हैं। मुख्य सभागार कन्वेंशन सेंटर का पूर्ण हॉल है और इसमें लगभग छह हजार मेहमानों के बैठने की व्यवस्था है।