नई दिल्ली 15 सितम्बर: केरल के कोझिकोड में निपाह से प्रभावित लोगों की सूची में अधिक जोखिम श्रेणी में 15 लोगों को शामिल किया गया है और उनके नमूनों को कल जांच के लिए भेज दिया गया। इससे पहले निपाह वायरस की पहले की गई जांच के लिए ग्यारह नमूने लिए गए थे। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कल वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। उन्होंने बताया कि आवश्यकतानुसार निजी अस्पताओं में आइसोलेशन वार्डों का प्रबंध किया गया है। दवाओं की पर्याप्त मात्रा और रक्षात्मक सामान सहित अन्य सामग्री का पर्याप्त भंडार सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिये गए हैं। उन्होंने अधिकारियों से मोबाइल टावर के उपयोग से प्रभावित सूची में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए पुलिस सहायता लेने को कहा है।
निपाह निगरानी के अंतर्गत कल 234 लोगों का पता लगाया गया है। 950 लोगों की प्रभावी सूची में 213 अधिक जोखिम श्रेणी के हैं सूची में 287 स्वास्थ्य कर्मी शामिल है। इस बीच स्वास्थ्य अधिकारियों ने लोगों से सूअरों और चमगादडों जैसे पशुओं के शवों को स्वंय हाथ नहीं लगाने को कहा है। कोझिकोड जिला प्रशासन ने कल तक सभी शिक्षा संस्थानों में अवकाश घोषित किया है। कोझिकोड के निकट पुडुचेरी केन्द्रशासित प्रदेश के अंतर्गत माहे में भी कल सभी शिक्षा संस्थानों में अवकाश घोषित किया गया है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने केरल के कोझिकोड में निपाह वायरस फैलने पर काबू पाने के लिए किये गए उपायों की कल समीक्षा की। डॉ.पवार ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान पुणे का दौरा किया और तैयारियों का जायजा लिया। डॉ.पवार ने कहा कि केन्द्र सरकार स्थिति पर नजर रखे हुए है और इस रोग के फैलने को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि केन्द्र और आई. सी. एम. आर.- एचआईवी के उच्च स्तरीय दल, बी एसएल-3 प्रयोगशालाओं के मोबाइल यूनिट के साथ कोझिकोड पहुंच गये हैं और ये दल ग्राउंड टेस्टिंग करेंगे। डॉ.पवार ने यह भी कहा कि कोझिकोड इलाके में प्रभावित ग्राम पंचायतों को संगरोधक क्षेत्र घोषित किया गया है।
कर्नाटक राज्य स्वास्थ्य विभाग ने कोझिकोड क्षेत्र में निपाह के किसी भी संभावित मामले के प्रवेश को रोकने के लिए केरल की सीमा से लगे कोडागु, दक्षिण कन्नड़, चामराजनगर और मैसूर में निगरानी बढ़ाने के लिए परामर्श जारी किया है। दोनों राज्यों को जोड़ने वाली सड़कों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। कर्नाटक के इन संवेदनशील जिलों में जिला रैपिड रिस्पांस टीमों का गठन किया गया है और जिला अस्पतालों ने निपाह के संदिग्ध मामलों को अलग करने के लिए बिस्तर आरक्षित किए हैं। परामर्श में कहा गया है कि अस्पताल आवश्यक दवाओं और ऑक्सीजन का स्टॉक रखें। निजी अस्पतालों, क्लीनिकों में निपाह वायरस के लक्षण वाले व्यक्तियों की कोई भी जानकारी जिला स्वास्थ्य अधिकारी को देनी होगी।