राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा है कि भारत में पौधों की हजारों किस्मों को सुरक्षित और संरक्षित करके हम मानवता और विश्‍व को बचा सकते हैं

नई दिल्ली 12 सितम्बर: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा है कि किसान हमारे अन्नदाता हैं। इसलिए उनके अधिकार की रक्षा और उनके भविष्य को सुरक्षित बनाने की हमारी जिम्मेदारी है। नई दिल्ली में आज किसानों के अधिकार पर पहली वैश्विक संगोष्ठी का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि किसानों के अधिकारों की रक्षा करके हम विश्व के भविष्य की रक्षा करते हैं और इसे अधिक उज्ज्वल तथा समृद्ध बनाते हैं। देश की विविधता को लेकर राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि भारत में पादपों की 45 हजार से अधिक किस्में और विभिन्न तरह के मसाले हैं। इनका संरक्षण करके हम न केवल मानवता की रक्षा करेंगे बल्कि समूचे विश्व की भी रक्षा करेंगे।

इस कार्यक्रम में विश्व के 59 देशों के विख्यात वैज्ञानिक, किसान और विशेषज्ञ इस कार्यक्रम में भागीदारी कर रहे हैं। वे खाद्य और कृषि पादप आनुवंशिक संसाधनों पर अंतर्राष्ट्रीय संधि के अनुच्छेद नौ में प्रतिष्ठापित किसानों के अधिकारों से संबंधित मुख्य मुद्दों पर विचार-विमर्श कर रहे हैं। भारत पौधों की किस्मों और किसानों के अधिकारों के संरक्षण अधिनियम 2001 के जरिये पादप विविधता पंजीकरण के संदर्भ में किसानों के अधिकार को इसमें शामिल करने वाला विश्व का पहला देश है। कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने भी उद्घाटन समारोह में भागीदारी की। 

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