प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडोनेशिया के जकार्ता में आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लिया

नई दिल्ली 7 सितम्बर: प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने भारत-आसियान सहयोग को सशक्‍त करने के लिए 12-सूत्रीय प्रस्ताव प्रस्तुत किया है। इसमें सम्‍पर्क सुविधा, डिजिटल परिवर्तन, व्यापार और आर्थिक जुड़ाव, समकालीन चुनौतियों का समाधान, लोगों के बीच आपसी सम्‍पर्क तथा रणनीतिक जुड़ाव को गहरा करना शामिल है। श्री मोदी ने दक्षिण-पूर्व, एशिया-भारत-पश्चिम और एशिया-यूरोप को जोड़ने वाले मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी तथा आर्थिक गलियारे को प्रारंभ करने का प्रस्ताव रखा।

प्रधानमंत्री ने आसियान भागीदारों के साथ भारत के डिजिटल सार्वजनिक ढांचागत सुविधाओं को साझा करने की पेशकश की। उन्होंने डिजिटल बदलाव और वित्तीय सम्‍पर्क सुविधा में सहयोग पर ध्यान केंद्रित करते हुए डिजिटल भविष्य के लिए आसियान-भारत कोष की घोषणा की। श्री मोदी ने सहयोग बढ़ाने के उद्देश्य से ज्ञान के भागीदार के रूप में कार्य करने के लिए आसियान तथा पूर्वी एशिया के आर्थिक और अनुसंधान संस्थान के लिए सहयोग की पेशकश की। उन्‍होंने बहुपक्षीय मंचों पर ग्लोबल साउथ के सामने आने वाले मुद्दों को सामूहिक रूप से सामने रखने का आह्वान किया।

प्रधानमंत्री ने आसियान देशों को विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन द्वारा भारत में स्थापित किए जा रहे पारंपरिक चिकित्सा के लिए वैश्विक केंद्र में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। उन्‍होंने मिशन लाइफ पर भी मिलकर काम करने का आह्वान किया। श्री मोदी ने जन-औषधि केंद्रों के माध्यम से लोगों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध कराने में भारत के अनुभव को साझा करने की बात कही।

प्रधानमंत्री ने आतंकवाद, आतंकवाद के वित्तपोषण और साइबर-दुष्प्रचार के खिलाफ सामूहिक लड़ाई का आह्वान किया। उन्होंने आसियान देशों को आपदा रोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। श्री मोदी ने आपदा प्रबंधन में सहयोग और समुद्री सुरक्षा, रक्षा तथा डोमेन जागरूकता पर सहयोग बढ़ाने का आग्रह किया। कार्यक्रम के दौरान समुद्री सहयोग और खाद्य सुरक्षा पर दो संयुक्त प्रस्‍तावों को स्वीकृत किया गया।

विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्व) सौरभ कुमार ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की इंडोनेशिया यात्रा संक्षिप्‍त लेकिन बहुत उपयोगी थी। उन्होंने कहा है कि शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री की भागीदारी से भारत-आसियान संबंधों को रणनीतिक दिशा मिलेगी। 

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