नई दिल्ली 4 सितम्बर: विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा है कि नई दिल्ली में होने वाला 18वां जी-20 शिखर सम्मेलन वर्तमान ज्वलंत मुद्दों से निपटने के लिए प्रासंगिक अपने निष्कर्ष और समाधान, अवधारणा और कार्यों के कारण याद किया जाएगा। रूस और चीन के राष्ट्रपति के इस जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं होने की खबरों पर एक प्रश्न के उत्तर में विदेश मंत्री ने कहा कि कौन से देश, किस स्तर पर शामिल होते हैं, इस पर फोकस करने के बजाए वास्तविक मुद्दा यह है कि जो देश उपस्थित होते हैं उन्हें कितना महत्व मिलता है। विदेश मंत्री आज नई दिल्ली में डीडी डायलॉग को संबोधित कर रहे थे।
भारत की जी-20 की अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकी संघ को जी-20 संगठन में शामिल किए जाने के मुद्दे पर डॉ. जयशंकर ने विश्वास व्यक्त किया कि यह इस शिखर सम्मेलन में साकार होगा।