विदेश मंत्री डॉ. सुब्रमण्‍यम जयशंकर ने कहा- भारत ऐसे समय में जी-20 की अध्‍यक्षता संभाल रहा है जब वैश्विक स्तर पर इसकी आर्थिक उपलब्धियों, तकनीकी और डिजिटल उन्नति को पहचान मिली है

नई दिल्ली 31 अगस्त: विदेश मंत्री डॉक्‍टर एस. जयशंकर ने कहा है कि भारत, अन्‍य देशों के साथ शान्ति का पक्षधर है। यूक्रेन-रूस संघर्ष के बारे में उन्होंने कहा कि युद्ध कोई नहीं चाहता, क्योंकि इससे तेल, खाद्य सामग्री और  उर्वरकों के मूल्‍यों में बढ़ोतरी हुई है।

वे आज नई दिल्‍ली में भारत की जी-20 अध्‍यक्षता और इसका वैश्विक प्रभाव, विषय पर एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

उन्‍होंने कहा कि भारत का नेतृत्व कई मायनों में खास है, क्योंकि उसने इसे आधिकारिक कार्यक्रम की तरह नहीं, बल्कि राष्ट्रीय समारोह के रूप में आयोजित किया है।

उन्‍होंने कहा कि भारत इस संगठन की अध्‍यक्षता ऐसे समय में कर रहा है, जब उसे आर्थिक, तकनीकी और डिजिटल प्रगति तथा प्रतिभा के क्षेत्र में विश्वभर में सम्‍मान प्राप्‍त है।

उन्‍होंने कहा कि भारत ने इन क्षेत्रों में क्षमता प्रदर्शित करते हुए लोकतांत्रिक मूल्‍यों पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि इससे भारत को विश्‍व में विशेष स्‍थान प्राप्‍त हुआ है और दुनिया उससे बडी उम्मीद कर रही है।

चन्‍द्रयान-3 मिशन की सफलता पर श्री जयशंकर ने कहा कि इससे विश्‍व को प्रेरणा मिली है। संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार के बारे में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए डॉक्‍टर जयशंकर ने कहा कि भारत जनसंख्या के मामले में विश्‍व का सबसे बडा देश है और 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।

इसलिए भारत को सुरक्षा परिषद से बाहर नहीं रखा जा सकता, अगर ऐसा किया जाता है, तो संयुक्त राष्ट्र की विश्वसनीयता पर प्रश्‍न चिन्‍ह लगेगा।

उन्‍होंने कहा कि इतिहास भारत के पक्ष में है और संयुक्‍त राष्‍ट्र को बदलना होगा। डॉक्‍टर जयशंकर ने कहा कि कुछ ताकतें सुधारों में रुकावट डालती रहेंगी, लेकिन अंतत: सुधार करने ही होंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *