नई दिल्ली 30 अगस्त: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन-इसरो सूर्य के अध्ययन के लिए पहली अंतरिक्ष आधारित भारतीय वेधशाला आदित्य एल-1 को शनिवार को दिन में 11 बजकर 50 मिनट पर आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित करेगा। यह उपग्रह सूर्य और पृथ्वी की एल-1 प्रणाली में लैगरेंज बिंदु के आसपास प्रकाशवृत्त कक्षा में स्थापित किया जाएगा। यह बिंदु पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर है। लैगरेंज बिंदु तक पहुंचने में उपग्रह को करीब चार महीने का समय लगेगा। एल-1 बिंदु के पास प्रकाशवृत्त कक्षा का लाभ यह है कि उपग्रह ग्रहण जैसी स्थितियों और अन्य बाधाओं के बिना सूर्य की गतिविधियों का अध्ययन कर सकता है। अदित्य एल-1 अभियान सूर्य के वातावरण और सौर वायु का भी अध्ययन करेगा। इस उपग्रह में सात पेलोड होंगे। उपग्रह की मदद से सूर्य के ताप और अन्य गतिविधियों, मौसम के बदलते रूप तथा अन्य सौर प्रणालियों का भी अध्ययन किया जाएगा। इसरो ने देशवासियों को पीएसएलवी सी-57 का प्रक्षेपण देखने का निमंत्रण दिया है। इस प्रक्षेपण को श्रीहरिकोटा की दर्शक दीर्घा से देखने के लिए lvg.shar.gov.in/VSCREGISTRATION वेबसाइट पर पंजीकरण कराया जा सकता है।
2023-08-30