अगरतला, 24 अगस्त: भारत की जी-20 अध्यक्षता में व्यापार और निवेश मंत्रियों की बैठक जयपुर में शुरू हो गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि इतिहास साक्षी है कि व्यापार ने विचारों, संस्कृतियों और प्रौद्योगिकी के आदान-प्रदान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और लोगों को एक-दूसरे से जोड़ा है। उन्होंने कहा कि व्यापार और वैश्विकरण ने लाखों लोगों को अत्यधिक गरीबी की स्थिति से भी उबारा है। भारतीय अर्थव्यवस्था में पूरे विश्व का भरोसा व्यक्त करते हुए श्री मोदी ने कहा कि भारत को उदारता, अवसरों और विकल्पों के संयोग के रूप में देखा जाता है।
उन्होंने कहा कि पिछले 9 वर्षों में सरकार के लगातार प्रयासों से भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। भारत ने वर्ष 2014 में रिफॉर्म, परफॉर्म, ट्रांसफॉर्म यानि सुधार, कार्य-निष्पादन और परिवर्तन की यात्रा शुरू की थी और उसने डिजिटीकरण तथा नवाचार को बढ़ावा देते हुए प्रतिस्पर्धा और पारदर्शिता भी बढ़ाई। श्री मोदी ने कहा कि ढुलाई गलियारा स्थापित किया गया और औद्योगिकी क्षेत्र बनाए गए। भारत ने लालफीताशाही के दौर से निकलकर सुविधा जनक माहौल उपलब्ध कराया और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को बढ़ावा दिया। प्रधानमंत्री ने मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसी पहल तथा नीतिगत स्थायित्व का भी उल्लेख किया जिनसे विनिर्माण को बढ़ावा मिला। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार अगले कुछ वर्षों में भारत को विश्व की तीसरी सबसे बडी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
कोरोना महामारी से लेकर भू राजनीतिक तनावों तक की वर्तमान वैश्विक चुनौतियों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इनसे विश्व अर्थव्यवस्था की परख हुई है। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और निवेश में भरोसा बहाल करना जी-20 देशों का दायित्व है। प्रधानमंत्री ने समायोजी और समावेशी वैश्विक मूल्य श्रृंखला निर्मित करने पर जोर दिया जो भविष्य के किसी उतार-चढ़ाव का सामना कर सके। उन्होंने इस संदर्भ में संवेदनशीलताओं के आकलन, जोखिमों में कमी लाने और समायोजन बढाने के लिए वैश्विक मूल्य श्रृंखला मापन व्यवस्था सृजित करने के भारत के प्रस्ताव का महत्व भी रेखांकित किया।