नई दिल्ली 19 अगस्त: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि भारत का डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा वैश्विक चुनौतियों के लिए सुरक्षित और समावेशी समाधान उपलब्ध कराता है। आज बेंगलुरु में जी 20 डिजिटल अर्थव्यवस्था मंत्रियों की बैठक को वर्चुअली संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने जी20 फोरम के साथ समावेशी, समृद्ध और सुरक्षित वैश्विक डिजिटल व्यवस्था की आधारशिला रखने के इस विशेष अवसर को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने जी20 देशों से वैश्विक प्रौद्योगिकी आधारित प्रणाली पर काम करने का आग्रह किया। श्री मोदी ने कहा कि इससे वित्तीय समावेशन और उत्पादकता बढ़ेगी। उन्होंने वैश्विक स्वास्थ्य प्रणाली निर्मित करने तथा सुरक्षित और उत्तरदायी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग की रूपरेखा स्थापित करने पर बल दिया।
प्रधानमंत्री ने वर्चुअल वैश्विक डिजिटल बुनियादी ढांचा भंडार सृजित करने के लिए डिजिटल अर्थव्यवस्था पर जी20 कार्य समूह के प्रयासों का स्वागत किया। इससे सबके लिए पारदर्शी और विश्वसनीय डिजिटल व्यवस्था सृजित करने में मदद मिलेगी। श्री मोदी ने डिजिटल कौशल भंडार कार्य योजना पहल का भी स्वागत किया। उन्होंने कहा कि डिजिटल अर्थव्यवस्था के वैश्विक प्रसार के साथ सुरक्षा चुनौतियां भी सामने आएंगी। इसे देखते हुए सुरक्षित, विश्वसनीय और समायोजी डिजिटल अर्थव्यवस्था के जी-20 उच्च स्तरीय सिद्धांतों पर सहमति बनाना महत्वपूर्ण है।
प्रधानमंत्री ने सबके लिए समावेशी और सतत विकास पर बल दिया। उन्होंने कहा कि भारत विश्व के साथ अपने अनुभव साझा करने के लिए तैयार है और उसने इंडिया स्टैक नाम से ऑनलाइन वैश्विक डिजिटल उत्पाद भंडार सृजित किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रौद्योगिकी और विकास के लाभ हरेक तक विशेषकर विकासशील और अविकसित देशों तक पहुंचने चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत में 85 करोड़ से अधिक इंटरनेट उपयोगकर्ता विश्व की सबसे सस्ती डेटा लागत का लाभ उठा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में वित्तीय समावेशन में क्रांति आई है और लोगों को प्रत्यक्ष अंतरण का लाभ मिल रहा है। इससे संसाधनों की बर्बादी कम हुई है और 33 अरब डॉलर की बचत हुई है। उन्होंने कहा कि कोविड पोर्टल समर्थित भारत के टीकाकरण अभियान से दो अरब से अधिक वैक्सीन डोज देने में मदद मिली।
रेलवे संचार, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जी20 डिजिटल अर्थव्यवस्था मंत्रियों की बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी की परिकल्पना के अनसुार प्रौद्योगिकी के लाभ सब तक पहुंचने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक नागरिक तक प्रौद्योगिकी का लाभ पहुंचना चाहिए और डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के दायरे में सबका समावेशन होना चाहिए। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आने वाले दिनों में आम लोगों को प्रतिस्पर्धी ब्याज दर पर डिजिटल ऋण की सुविधा उपलब्ध होगी।