विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन का पहला परंपरिक औषधि‍ वैश्विक सम्‍मेलन, गुजरात में गांधीनगर के महात्‍मा मंदिर में शुरू

नई दिल्ली १७ अगस्त : विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन का पहला परंपरिक औषधि‍ वैश्विक सम्‍मेलन, गुजरात में गांधीनगर के महात्‍मा मंदिर में शुरू हो गया है। उद्घाटन सत्र को केन्‍द्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री मनसुख मांडविया ने संबोधित किया। उन्‍होंने कहा कि शिखर सम्मेलन पारंपरिक चिकित्सा के एजेंडे को आगे बढ़ाएगा। डॉक्‍टर मांडविया ने कहा कि सम्‍मेलन दुनिया भर में पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को प्रोत्‍साहन देने के लिए बातचीत में शामिल होने, विचारों का आदान-प्रदान करने और अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी का एक अनूठा अवसर प्रदान करेगा। उन्‍होंने कहा कि पारंपरिक चिकित्सा ने कई शताब्दियों से व्यक्तिगत और सामुदायिक स्तर पर स्वास्थ्य को प्रोत्‍साहन देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। डॉक्‍टर मांडविया ने आशा व्यक्त की कि शिखर सम्मेलन स्वास्थ्य और कल्याण के लिए राजनीतिक प्रतिबद्धता और पारंपरिक चिकित्सा पर साक्ष्य-आधारित कार्रवाई को प्रोत्‍साहन देने का मंच प्रदान करेगा।

केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि पारंपरिक चिकित्सा हमारी साझा विरासत और ज्ञान का प्रतीक है। यह आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों को पूर्ण करता है।

 विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस अधनोम घेब्रेसियस ने कहा कि शिखर सम्मेलन प्राचीन पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली को उजागर करने और मौजूदा समय में उनकी समझ और उपयोग को आगे 

बढ़ाने में सहायता करेगा। उन्होंने सभी देशों से राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणालियों में पारंपरिक दवाओं को एकीकृत करने के लिए प्रतिबद्ध होने का आग्रह किया।

इस बीच, तीन दिवसीय जी-20 स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक के हिस्से के रूप में, जी-20 उप स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक आज गांधीनगर में स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. भारती पवार की उपस्थिति में शुरू हुई।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल जी-20 स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक के औपचारिक उद्घाटन सत्र को वर्चुअल माध्‍यम से संबोधित करेंगे।डॉक्‍टर भारती प्रवीण पवार ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि भारत की जी-20 अध्‍यक्षता वसुधैव कुटुंबकम यानि दुनिया एक परिवार है – के दर्शन के अनुरूप है। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी ने हमें सिखाया है कि कोई भी तब तक सुरक्षित नहीं है जब तक हर कोई सुरक्षित न हो। स्‍वास्‍थ्‍य राज्‍य मंत्री ने कहा कि भारत की जी-20 अध्‍यक्षता ने एक स्‍वास्‍थ्‍य, एंटी-माइक्रोबियल प्रतिरोध और जलवायु परिवर्तन के महत्वपूर्ण खतरों पर विशेष ध्यान दिया है। उन्होंने कहा कि डिजिटल स्वास्थ्य के लिए वैश्विक पहल में उच्च स्तरीय अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का एक अग्र

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