नई दिल्ली १० जुलाई : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चार बजे बहस का जवाब देंगे। बहस में हिस्सा लेते हुए कल गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव राजनीति से प्रेरित है और लोगों तथा संसद का सरकार में पूरा विश्वास है। श्री शाह ने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार ने कुछ ऐतिहासिक निर्णय किए हैं और वंशवाद और रिश्वतखोरी के खिलाफ कार्रवाई की है। सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए श्री शाह ने कहा कि पिछले नौ वर्षों में आतंकी घटनाओं में 68 प्रतिशत कमी आई है।
जम्मू-कश्मीर के बारे में गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने कश्मीर को आतंक से मुक्त कराने के लिए निरंतर काम किया है। उन्होंने कहा कि सरकार पाकिस्तान, हुर्रियत अथवा जमायत के साथ कोई बातचीत नहीं करेगी, लेकिन वहां के युवाओं के साथ बातचीत करेगी। वामपंथी उग्रवाद के बारे में श्री शाह ने कहा कि नक्सली अब छत्तीसगढ में केवल तीन जिलों तक सीमित रह गये है।
पूर्वोत्तर के बारे में पिछली सरकारों पर आरोप लगाते हुए गृह मंत्री ने कहा कि उन्होंने क्षेत्र के लिए कुछ भी नहीं किया, जबकि श्री मोदी ने वहां चहुंमुखी विकास पर बल दिया और क्षेत्र को मुख्य धारा में लाने में कामयाबी हासिल की। गृह मंत्री ने कहा कि श्री मोदी ने पिछले नौ वर्षों में 50 बार से अधिक पूर्वोत्तर का दौरा किया।
मणिपुर के बारे में श्री शाह ने कहा कि राज्य में हिंसा की घटनाओं से सभी को दुख हुआ है। उन्होंने कहा कि ये घटनाएं शर्मनाक हैं, लेकिन इन पर राजनीति करना और भी शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि मणिपुर में जातीय हिंसा परिस्थितियों की देन है और इसे राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि तीन मई से जारी मणिपुर हिंसा में 152 लोगों की जानें गई हैं। गृह मंत्री ने मैतेई और कुकी दोनों समुदाय से अपील की कि वे हिंसा से दूर रहें और सरकार के साथ बातचीत करें। श्री शाह ने कहा कि वे दोनों समुदायों के साथ अलग-अलग बातचीत कर रहे हैं।
बहस में हिस्सा लेते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मणिपुर में सरकार पर विभाजन का आरोप लगाया। उन्होंने भाजपा पर भी आरोप लगाया कि वह देश हित के खिलाफ काम कर रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि सरकार सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए मणिपुर में सेना तैनात क्यों नहीं कर रही है। महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने जोर देकर कहा कि मणिपुर भारत का अभिन्न अंग है और इसे अलग नहीं किया गया है और कभी अलग नहीं किया जा सकता। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सदन में मणिपुर पर बहस से भाग रही है, जबकि सरकार इस मुद्दे पर बहस कराने को तैयार है। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह अतीत में उस समय मूकदर्शक बनी रही, जब जम्मू-कश्मीर में महिलाओं को ज्यादतियों का सामना करना पड़ रहा था। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 निरस्त किए जाने से जम्मू-कश्मीर में महिलाओं के प्रति न्याय सुनिश्चित हुआ है।
भारतीय जनता पार्टी के रामकृपाल यादव ने हाल में बने विपक्षी गठबंधन आई.एन.डी.आई.ए. पर आरोप लगाया कि यह ऐसे लोगों का गुट है, जो भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद में लिप्त है। उन्होंने बिहार सरकार की भी आलोचना की और कहा कि वह जनहित के मुद्दे उठाने के लिए विपक्ष को लक्ष्य बना रही है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार सरकार के अंतर्गत अपराध की घटनाएं बढ़ रही हैं।
वाई.एस.आर. कांग्रेस के पी.वी.मिधुन रेड्डी ने कहा कि मणिपुर में महिलाओं के प्रति घृणित अपराध पीड़ादायक है। उन्होंने कहा कि सरकार को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। जनता दल यूनाइटेड के राजीव रंजन सिंह ने आरोप लगाया कि सरकार मणिपुर की स्थिति के प्रति गंभीर नहीं है।
बी.आर.एस. के नामा नागेश्वर राव, भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी के सुब्बारायण, शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल, भाजपा की हिना गावित, नेशनल कांफ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला, केंद्रीय मंत्री और अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल, आईयूएमएल के ई.टी.मोहम्मद बशीर और कांग्रेस के रेवंत रेड्डी ने भी अविश्वास प्रस्ताव पर बहस में हिस्सा लिया।