बालिका शिक्षा में निवेश से राष्‍ट्र की प्रगति का मार्ग प्रशस्‍त होता है: राष्ट्रपति

नई दिल्ली ०६ अगस्त : राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा है कि बालिका शिक्षा में निवेश से राष्‍ट्र की प्रगति का मार्ग प्रशस्‍त होता है क्‍योंकि वे अर्थव्‍यवस्‍था और समाज में समग्र रूप से एक सकारात्‍मक और महत्‍वपूर्ण योगदान करती हैं। आज मद्रास विश्‍वविद्यालय के 165वें दीक्षांत समारोह में उन्‍होंने शिक्षा के माध्‍यम से स्‍त्री-पुरूष समानता और बालिका सशक्तिकरण को बढावा देने में मद्रास विश्‍वविद्यालय के प्रयासों की सराहना की। राष्‍ट्रपति ने संगम साहित्‍य की समृद्ध परम्‍परा की चर्चा की और कहा कि तिरूकुरल का दृष्टिकोण सदियों से राष्‍ट्र का पथ-प्रदर्शक रहा है। उन्‍होंने कहा कि मद्रास विश्‍वविद्यालय में लगभग एक लाख पचासी हजार विद्यार्थी शिक्षा प्राप्‍त कर रहे हैं जिनमें से 50 प्रतिशत से अधिक लडकियां हैं और स्‍वर्ण पदक प्राप्‍त करने वाले 105 विद्यार्थियों में से 70 प्रतिशत विजेता लडकियां हैं।

राष्‍ट्रपति ने कहा कि मद्रास विश्‍वविद्यालय देश के सबसे पुराने विश्‍वविद्यालयों में से एक है और इसने ज्ञान के प्रसार, समाजिक परिर्वतन और प्रगति में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्‍होंने इस बात पर गर्व व्‍यक्‍त किया कि कई पूर्व राष्‍ट्रपति और जानी-मानी हस्तियां इस विश्‍वविद्यालय से जुडी रही हैं। इनमें पूर्व राष्‍ट्रपति ए.पी.जे. अब्‍दुल कलाम, वी.वी. गिरि, के.आर. नारायणन, राजगोपालाचारी और सर सी.वी. रमण शामिल है। राष्‍ट्रपति ने सुब्रमण्‍य भारती का जिक्र करते हुए पारम्‍परिक ज्ञान और आधुनिक विज्ञान–दोनों के समावेश के महत्‍व की चर्चा की। दीक्षांत समारोह में तमिलनाडु के राज्‍यपाल आर.एम. रवि, मुख्‍यमंत्री एम.के. स्‍टालिन और मद्रास विश्‍वविद्यालय के कुलपति एस. गौरी भी उपस्थित थे।

राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज दोपहर बाद तमिलनाडु के राज्‍यपाल द्वारा राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगी जहां वे अत्‍यन्‍त कमजोर जनजातीय समूह के लोगों से मुलाकात करेंगी। बाद में, वे महाकवि सुब्रमण्‍य भारतियार की प्रतिमा का अनावरण करेंगी और राजभवन के दरबार हॉल का नाम बदल कर भारतियार हॉल करेंगी।

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