नई दिल्ली ३ अगस्त : विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा है कि सरकार का उद्देश्य जी20 अध्यक्षता का उपयोग विश्व को भारत के लिए और भारत को विश्व के लिए तैयार और तत्पर करना है। कर्नाटक के मैसूरू में थिंक 20 सम्मेलन को वीडियो कॉफ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान में 2023 का भारत 2014 के भारत बहुत ही अलग है।
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत ने जी20 की अध्यक्षता के लिए, इसे लोगों से अधिक से अधिक जोडते हुए, एक गैरपारंपरिक रवैया अपनाया है। उन्होंने कहा कि संयुक्तराष्ट्र सुरक्षा परिषद के अंदर के मतभेदों को देखते हुए जी20 अब पहले की अपेक्षा और अधिक महत्वपूर्ण संगठन हो गया है। आज जी20 के समक्ष विभिन्न चुनौतियां है जिनमें देशों का सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक आधार पर बंटना, पूर्व और पश्चिम के बीच संपर्क का अभाव, विभिन्न क्षेत्रों पर कोविड महामारी का असर, यूक्रेन संघर्ष, ऋण संकट और व्यापार बाधाएं शामिल हैं। डॉ. जयशंकर ने कहा कि इनकी वजह से सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने और जलवायु संकट से निपटने के प्रयास बाधित हुए हैं।
थिंक-20, जी20 का एक आधिकारिक ग्रुप है जो एक विचार बैंक के रूप में काम करता है और नीतिगत मुद्दों पर उच्च स्तरीय विशेषज्ञ परामर्श उपलब्ध कराता है। भारत की जी20 अध्यक्षता के दौरान ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन थिंक 20 सचिवालय के रूप में काम कर रहा है।