नई दिल्ली ०२ अगस्त: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि महिला नेतृत्व में विकास दृष्टिकोण महिला सशक्तिकरण का सबसे प्रभावी तरीका है। गांधीनगर में महिला सशक्तिकरण की जी-20 मंत्रिस्तरीय बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने महिलाओं के विकास में आने वाली बाधाओं को दूर करने का आह्वान किया। श्री मोदी ने सभी क्षेत्रों में महिलाओं के लिए समान अवसर की आवश्यकता पर बल दिया। प्रधानमंत्री ने सहकारी क्षेत्र, विशेषकर डेयरी क्षेत्र में महिलाओं के योगदान को याद किया। उन्होंने स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं की एकजुटता को परिवर्तन का एक शक्तिशाली साधन बताया।
महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए, श्री मोदी ने कहा कि मुद्रा योजना के तहत 70 प्रतिशत से अधिक ऋण महिलाओं को स्वीकृत किए गए हैं। उन्होंने शासन, व्यापार, अंतरिक्ष और प्रौद्योगिकी से लेकर सशस्त्र बलों तक श्रम बल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की भी बात की।
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने अपने संबोधन में तकनीक साम्यता मंच सहित कई गतिशील परिणामों के लिए जी-20 के भारत के अध्यक्ष पद की भूमिका की सराहना की। उन्होंने आशा व्यक्त की कि मंत्रिस्तरीय बैठक की सभी कार्य-उन्मुख प्रतिबद्धताओं में महिलाओं के नेतृत्व वाला विकास केंद्रीय होगा।
इस बैठक में जी-20 सदस्यों, आमंत्रित देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधिमंडलों के प्रमुखों के नेतृत्व में 150 से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। सम्मेलन के दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने शिल्प, पोषण, भोजन, स्वास्थ्य, शिक्षा कौशल, व्यापार और अर्थव्यवस्था में महिलाओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए “भारत @ 75: महिलाओं का योगदान’ विषय पर एक प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया।