नई दिल्ली २५ जुलाई: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि पिछले कुछ वर्षों में कर दरों में बढ़ोतरी के बिना भी कर राजस्व में बढ़ोत्तरी हुई है। कल नई दिल्ली में 164वें आयकर दिवस समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, कर संग्रह प्रणाली में दक्षता ने ज्यादा कर इकट्ठा करने में मदद की। भारतीय अर्थव्यवस्था अधिकाधिक औपचारिक होती जा रही है।
वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्पष्ट मानना है कि प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल अधिकांश समस्याओं का जवाब है और केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) इस पर काम कर रहा है। सीबीडीटी की सराहना करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि इससे कर चोरी में कमी आई है। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी के कारण आयकर आकलन में विशिष्ट सकारात्मक बदलाव आये हैं। नई कर व्यवस्था चुनने वाले करदाताओं की अगर वार्षिक आय सात लाख सत्ताईस हजार तक है तो उन्हें आयकर नहीं देना होगा।
श्रीमती सीतारमण ने करदाताओं को पारदर्शी, उद्देश्यपूर्ण और अनुकूल आयकर व्यवस्था का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा, इस साल करदाताओं को जारी किए गए लगभग एक लाख नोटिस का आकलन अगले साल मार्च तक पूरा कर लिया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि ऐसे नोटिस केवल उन्हीं को भेजे गए, जिनकी आय 50 लाख रुपये से अधिक है।
इस अवसर पर वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी, राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा और सीबीडीटी के अध्यक्ष नितिन गुप्ता उपस्थित थे।