नई दिल्ली २४ जुलाई: भारत की जी-20 अध्यक्षता के अंतर्गत आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्यसमूह की तीसरी बैठक का पहला सत्र आज चेन्नई में शुरू हुआ। संयुक्त राष्ट्र महासचिव के आपदा जोखिम कार्यसमूह की विशेष प्रतिनिधि मामी मिजूतोरी ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि इस कार्यसमूह की स्थापना आपदा के मूल कारणों को दूर करने के लिए जी 20 के सदस्य देशों की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि आपदा खतरों को कम करना विकास कार्यक्रमों और ढांचागत परियोजनाओं के लिए अतिरिक्त व्यय के रूप में देखा जा रहा है, लेकिन हम जानते हैं कि यह सही नहीं है, बल्कि ऐसे कार्यों में निवेश से आपदा रोकने में फायदा होता है। हमें आपदा रोकने और खतरा कम करने के लिए अपने संसाधनों और क्षमताओं को बढ़ाना चाहिए।
बैठक के दौरान आपदा कम करने के लिए निजी क्षेत्रों, पूंजी बाजारों, प्रौद्योगिकी प्रदाताओं, सिविल सोसायटी संगठनों के साथ मजबूत सहयोग करके प्रतिबद्धताएं की गई हैं। विकासशील देशों के साथ अच्छे कार्यों को साझा करके उनकी भागीदारी बढ़ाने के मुद्दे पर विचार-विमर्श हो रहा है। आपदाओं का सर्वाधिक प्रभाव विकासशील देशों पर पडता है, इसलिए यह सहायता वैश्विक नुकसान को कम करने में काफी मददगार होगी।